निजीकरण के विरोध में जेल भरो आंदोलन के ऐलान पर शुरू हुई पावर कॉरपोरेशन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच लड़ाई अब एफआईआर तक आ पहुंची है।
यूपी के घरों में ही छोटी दुकान करने वाले करीब 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। यूपीपीएल ने नई दरें तय करने के नियामक आयोग में दाखिल प्रस्ताव में गैर घरेलू बिजली उपयोग में एक किलोवॉट की नई श्रेणी शामिल कर दी है।
यूपी में बिजली निजीकरण को लेकर कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच रस्साकसी चल रही है। निजीकरण का टेंडर जारी होते ही कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। इससे पहले गुरुवार को पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल ने ऐसा फार्मेट जारी कर दिया जिसे देखते ही आक्रोश फैल गया।
बिजली बिल बकाए को लेकर भेजी गई लिस्ट की बात करें तो पटना पुलिस जिले पर सर्वाधिक 4.17 करोड़ रुपये बकाया है। दूसरे नंबर पर सहरसा जिला है जिसपर 3.84 करोड़ का बिजली बिल बकाया है। गया पर 3.43 करोड़ रुपया बकाया है।
ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मंगलवार सुबह पटना आएंगे। सम्मेलन में वर्ष 2030 तक बिजली की उपलब्धता, खपत, संचरण क्षमता, साइबर सुरक्षा को लेकर की जाने वाली तैयारी, विद्युत प्रणाली में द्वीप योजनाएं, ट्रांसमिशन सिस्टम पर चर्चा होगी।
निजीकरण के विरोध में रविवार को हुई बिजली महापंचायत में फैसला हुआ है। महापंचायत में फैसला हुआ कि बिजली के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी, रेल कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी, किसान और उपभोक्ता लामबंद होकर जन आंदोलन चलाएंगे।
बिजली संकट ने जनता को बेहाल कर रखा है। शनिवार से लगातार मुख्यालय की आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए सदर विधायक डॉ. मनोज प्रजापति रविवार को पावर हाउस पहुंच गए।
बिजली निगम ने नियामक आयोग में दरों में भारी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दाखिल किया था जिसे लेकर काफी चिंताएं जताई जा रही हैं। इस बीच प्रीपेड बिजली कनेक्शन वालों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें बिजली दरों में 2 फीसदी तक की छूट देने का प्रस्ताव भी बिजली निगम ने किया है। ऑनलाइन भुगतान पर भी कुछ राहत मिल सकती है।
बिजली विभाग की फ्लैट में रहने वालों पर टेढ़ी नजर हो गई है। पावर कारपोरेशन ने नियामक आयोग में जो मासौदा दाखिल किया है उसके अनुसार बिजली खर्च का ब्योरा सभी उपभोक्ताओं को देना अनिवार्य होगा। डेवलपर या आरडब्ल्यूए ऐसा नहीं करती है तो उसपर जुर्माना लगाने के साथ ही सिंगल पॉइंट कनेक्शन खत्म कर दिया जाएगा।
जैसे आम लोगों के घरों में पावर कट के समय बिजली के लिए बैटरी वाले इन्वर्टर होते हैं, उसी तरह का मिलता-जुलता पावरफुल बैटरी पावर स्टोरेज सिस्टम 15 सब ग्रिड स्टेशनों में लगाया जाएगा। इससे चार घंटे तक आपूर्ति हो सकेगी।