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बिहार के 15 ग्रिड सब स्टेशनों में बैटरी पावर स्टोरेज सिस्टम, 4 घंटा संभाल लेगा सप्लाई

जैसे आम लोगों के घरों में पावर कट के समय बिजली के लिए बैटरी वाले इन्वर्टर होते हैं, उसी तरह का मिलता-जुलता पावरफुल बैटरी पावर स्टोरेज सिस्टम 15 सब ग्रिड स्टेशनों में लगाया जाएगा। इससे चार घंटे तक आपूर्ति हो सकेगी।

Ritesh Verma हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाFri, 20 June 2025 09:38 AM
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बिहार के 15 ग्रिड सब स्टेशनों में बैटरी पावर स्टोरेज सिस्टम, 4 घंटा संभाल लेगा सप्लाई

पावर कट में जिस तरह घर के बैटरी वाले इन्वर्टर काम करते हैं, उसी से मिलती-जुलती तकनीक वाली पावरफुल बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली से बिहार के 15 सब ग्रिड स्टेशन मजबूत होंगे। इस सिस्टम से ग्रिड में बिजली का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी और जरूरत पड़ने पर चार घंटे तक आपूर्ति को भी संभाला जा सकेगा। 125 मेगावाट क्षमता के ये बैटरी सिस्टम 15 शहरों के सब ग्रिड स्टेशन में लगाए जाएंगे। इससे आपूर्ति बाधित होने पर कुछ समय तक सप्लाई बरकरार रख सकते हैं। 125 मेगावाट क्षमता के इस सिस्टम में चार घंटे तक की भंडारण क्षमता के हिसाब से लगभग 500 मेगावाट का बफर पावर स्टोर होगा।

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बिहार में 500 मेगावाट घंटे की क्षमता वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजना को मंजूरी दी है। राज्य योजना के तहत वायबिलिटी गैप फंडिंग योजना के अंतर्गत यह परियोजना संचालित होगी। केंद्र ने प्रति मेगावाट घंटा 27 लाख रुपए अथवा कुल लागत पूंजी का 30 फीसदी (जो कम हो) के हिसाब से कुल 135 करोड़ की बीजीएफ राशि इस परियोजना के लिए स्वीकृत की है।

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कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार परियोजना के अंतर्गत 125 मेगावाट की बैटरियां स्थापित की जाएंगी, जिनकी चार घंटे की भंडारण क्षमता होगी। इससे कुल ऊर्जा भंडारण क्षमता 500 मेगावाट आवर सुनिश्चित होगी। परियोजना को बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड की ओर से पूरा किया जाएगा। प्रत्येक सब ग्रिड स्टेशन में 5 से 20 मेगावाट क्षमता तक की बैट्री स्थापित की जाएगी।

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कंपनी ने उन 15 ग्रिड सब-स्टेशनों का चयन भी कर लिया है, जहां ये सिस्टम लगेंगे। मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, भागलपुर (नया), सीतामढ़ी, फतुहा, मुशहरी, उदाकिशुनगंज, जमुई (नया), अस्थावां (नालंदा), जहानाबाद, रफीगंज, शिवहर, सीवान (नया), किशनगंज और बांका (नया) इसमें शामिल है। अब तक 6 ग्रिड सब-स्टेशनों के लिए निविदाकर्ता का चयन किया जा चुका है। शेष जगहों के लिए भी प्रक्रिया जारी है। देश की अग्रणी कंपनियों को टेंडर में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

पीक आवर में आपूर्ति सुनिश्चित होगी

कंपनी का मानना है कि इस परियोजना से न केवल 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी, बल्कि पीक आवर के दौरान मांग और आपूर्ति में अंतर पैदा होने पर संतुलन बनाने में भी सहायता मिलेगी। इसके माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा के बेहतर उपयोग के साथ कम लागत पर बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी।

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ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि परियोजना राज्य की ऊर्जा प्रणाली को अधिक लचीला, विश्वसनीय और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर निरंतर आगे बढ़ रहा है। यादव ने कहा कि राज्य में तकनीकी नवाचार और सतत विकास को बढ़ावा देने में परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। परियोजना राज्य और केंद्र की दूरदर्शी सोच और नवीन ऊर्जा प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो ऊर्जा सुरक्षा, सतत विकास और उपभोक्ता हितों को सर्वोपरि मानती है।

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