यूपी में बिजली विभाग की इन लोगों पर टेढ़ी नजर, यह काम नहीं किया तो देना होगा भारी जुर्माना
बिजली विभाग की फ्लैट में रहने वालों पर टेढ़ी नजर हो गई है। पावर कारपोरेशन ने नियामक आयोग में जो मासौदा दाखिल किया है उसके अनुसार बिजली खर्च का ब्योरा सभी उपभोक्ताओं को देना अनिवार्य होगा। डेवलपर या आरडब्ल्यूए ऐसा नहीं करती है तो उसपर जुर्माना लगाने के साथ ही सिंगल पॉइंट कनेक्शन खत्म कर दिया जाएगा।

अपार्टमेंटों, पंजीकृत सोसाइटियों, टाउनशिप में जहां पर 50 किलोवॉट से ज्यादा का बिजली भार अनुमन्य है, वहां बिजली खर्च का ब्योरा सभी उपभोक्ताओं को देना अनिवार्य होगा। अगर डेवलपर या रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ऐसा नहीं करती है तो उसपर जुर्माना लगाने के साथ ही सिंगल पॉइंट कनेक्शन खत्म कर दिया जाएगा। बिजली की नई दरें तय करने के लिए पावर कॉरपोरेशन की तरफ से नियामक आयोग को सौंपे गए मसौदे में इस व्यवस्था को अमल में लाने की मांग की गई है।
कॉरपोरेशन ने अपने मसौदे में कहा है कि 50 किलोवॉट से ज्यादा के सिंगल पॉइंट कनेक्शन में अनुमन्य भार का कम से कम 70% खर्च खरेलू इस्तेमाल में ही होगा। हालांकि, मिलिट्री इंजीनियर सर्विस (एमईएस) के लिए खर्च के बंटवारे की बाध्यता नहीं होगी। ऐसी जगहों के लिए फिक्स चार्ज 190 रुपये/किलोवॉट मासिक होगा जबकि एनर्जी चार्ज 9 रुपये प्रति किलोवॉट होगा। कॉरपोरेशन ने कहा है कि आरडब्ल्यूए आदि को डीम्ड फ्रेंचाइजी माना जाएगा। उसे सभी उपभोक्ताओं को मासिक तौर पर ईमेल, वॉट्सएप या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से बिजली के खर्च का ब्योरा उपलब्ध करवाना होगा। बिल में इस्तेमाल की गई यूनिट और बिजली दर का ब्योरा होना अनिवार्य होगा।
वहीं, हर छमाही पर विस्तृत रिपोर्ट बिजली कंपनियों को भी जमा करनी होगी। अप्रैल से सितंबर तक की रिपोर्ट नवंबर के अंत तक और अक्टूबर से मार्च तक की रिपोर्ट मई तक जमा करना अनिवार्य होगा। अगर आरडब्ल्यूए या डेवलपर ऐसा नहीं करता है तो उसपर जुर्माना लगाया जाएगा। अगर दो साल के भीतर तीन जुर्माना लगाया जाता है तो वहां का सिंगल पॉइंट कनेक्शन खत्म करके मल्टिपल पॉइंट कनेक्शन दे दिया जाएगा।
पावर कॉरपोरेशन ने प्रस्ताव दिया है कि सभी आरडब्ल्यूए बिजली के खर्च के पूरे ब्योरे का ऑडिट भी अनिवार्य किया जाए। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के तीन महीने के भीतर उसे ऑडिट की गई प्रति भी सभी उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाना अनिवार्य होगा। कहा गया है कि पहली गलती पर 5000, दूसरी पर 10000 और तीसरी पर 15000 जुर्माना देना होगा।