यूपी के इन 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत! जानें UPPCL का क्या है प्रस्ताव
यूपी के घरों में ही छोटी दुकान करने वाले करीब 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। यूपीपीएल ने नई दरें तय करने के नियामक आयोग में दाखिल प्रस्ताव में गैर घरेलू बिजली उपयोग में एक किलोवॉट की नई श्रेणी शामिल कर दी है।

घरों में ही छोटी दुकान करने वाले उत्तर प्रदेश के तकरीबन 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इस साल तय होने वाली नई दरों में राहत मिल सकती है। यूपी पावर कॉरपोरेशन ने नई दरें तय करने के नियामक आयोग में दाखिल प्रस्ताव में गैर घरेलू बिजली उपयोग में एक किलोवॉट की नई श्रेणी शामिल कर दी है। पहले एक किलोवॉट के गैर घरेलू उपयोग में बिजली की कोई नई दर नहीं थी।
वहीं, उपभोक्ता परिषद प्रस्तावित स्लैब को व्यावहारिक बनाने की मांग के साथ संशोधन प्रस्ताव दाखिल करेगा। बिजली की नई दरें तय करने के लिए सुनवाई 7 जुलाई से शुरू होनी है। प्रदेश में शहरी और ग्रामीण इलाकों में ऐसे उपभोक्ता हैं, जो घर में ही छोटी दुकानें लगाकर अपना गुजर-बसर करते हैं। इनमें एक और दो किलोवॉट का कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ता शामिल हैं। ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या प्रदेश में तकरीबन 20 लाख के आसपास आंकी जाती है। इन उपभोक्ताओं को अब तक काफी परेशान होना पड़ता था क्योंकि अगर वे घरेलू कनेक्शन की बिजली अपनी गुमटी में इस्तेमाल करते थे तो जांच में घरेलू कनेक्शन की बिजली के कमर्शियल इस्तेमाल का हवाला देकर उन पर जुर्माना लगा दिया जाता था।
दूसरी तरफ उन्हें केवल पंखा और बल्ब का ही इस्तेमाल अपनी दुकानों पर करना होता था, जिसके लिए कॉमर्शियल कनेक्शन महंगा पड़ता था। एक किलोवॉट के कॉमर्शियल कनेक्शन की कोई अलग दर थी भी नहीं। इस बार पावर कॉरपोरेशन ने एक किलोवॉट श्रेणी में गैर घरेलू बिजली इस्तेमाल करने की नई व्यवस्था प्रस्तावित की है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की दर 7 रुपये प्रति यूनिट और शहरी इलाकों में दर 8 रुपये प्रति यूनिट रखने को कहा गया है।
घरेलू कनेक्शन में ही दी जाए व्यवस्था
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद इस प्रस्ताव में संशोधन की मांग सुनवाई के समय नियामक आयोग में रखेगा। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि घरों के एक हिस्से में ही छोटी दुकान करने वाले उपभोक्ताओं के लिए नियम ज्यादा व्यावहारिक बनाने की मांग की जाएगी। आयोग से मांग होगी कि वह इस श्रेणी के बजाय ऐसे उपभोक्ताओं को घरेलू बिजली ही इस्तेमाल करने की छूट इस प्रतिबंध के साथ दे कि स्वीकृत भार किसी भी दशा में नहीं बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर पावर कॉरपोरेशन इसके लिए तैयार भी हो गया था। उसने दो किलोवॉट के कनेक्शन में 200 यूनिट तक इस्तेमाल पर घरेलू दरों पर ही बिल वसूलने की बात कही थी। बाद में वह अपने ही प्रस्ताव से मुकर गया है। अब इस बार जब कॉरपोरेशन ने खुद ही प्रस्ताव देकर पहल शुरू की है तो संशोधन का प्रस्ताव देकर इसे व्यावहारिक बनाते हुए नियामक आयोग से ऐसे उपभोक्ताओं को राहत दिलाने की मांग होगी।