कौन-कौन जाना चाहता है जेल? आंदोलित बिजली कर्मचारियों का चेयरमैन ने मांगा ब्योरा, फार्मेट जारी
यूपी में बिजली निजीकरण को लेकर कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच रस्साकसी चल रही है। निजीकरण का टेंडर जारी होते ही कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। इससे पहले गुरुवार को पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल ने ऐसा फार्मेट जारी कर दिया जिसे देखते ही आक्रोश फैल गया।

पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने सभी जेल भरो आंदोलन में शामिल होने की इच्छा रखने वाले सभी कर्मचारियों की सूचना मांगी है। इसके लिए एक फॉर्मेट जारी कर दिया गया है। सभी डिस्कॉम को निर्देश दिए गए हैं कि वे फॉर्मेट पर कर्मचारियों का पूरा ब्योरा भरवा कर उपलब्ध करवाएं। बिजली कर्मचारी इससे आक्रोशित हैं। उन्होंने शुक्रवार को प्रदेश भर में चेतावनी दिवस मनाने की घोषणा की है। इससे पहले बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण का टेंडर जारी होते ही जेल भरो आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने फॉर्मेट पर जानकारी लिए जाने को आपातकाल जैसी स्थिति करार देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मसले पर हस्तक्षेप की मांग की है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि डॉ. गोयल इस तरह के बयानों और हरकतों से ऊर्जा निगमों में औद्योगिक शांति भंग कर के बिजली व्यवस्था बेपटरी करना चाहते हैं।
इससे पहले मंगलवार को डॉ. गोयल ने कहा था कि जो बिजली कर्मचारी जेल जाना चाहते हैं, उनको ससम्मान जेल भिजवा दिया जाएगा। बिजली कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है कि आपातकाल में जेल गए लोगों को 19 माह बाद रिहा कर दिया गया था, लेकिन अब जेल भेजे गए बिजलीकर्मी रिहा भी नहीं होंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि चेयरमैन जब चाहें बिजली कर्मी लाइन लगाकर सभी जिलों में सामूहिक गिरफ्तारियां देने को तैयार हैं। संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि शुक्रवार को बिजली कर्मी 'चेतावनी दिवस' मनाएंगे।
दोपहर 2 से 5 बजे के बीच बिजली कर्मी एकत्रित होकर चेतावनी देंगे। संघर्ष समिति कहा कि अगर चेयरमैन निजीकरण के स्वार्थ में उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयां वापस नहीं लेते तो बिजली कर्मी असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा और जेल भरो आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी चेयरमैन और प्रबंधन की होगी।