Mahaprasad Khaja Bhog Recipe For Bhagwan Jagannath: भगवान जगन्नाथ को लगने वाले 56 भोग की लिस्ट में खाजा भी शामिल रहता है। इन भोग को महाप्रसाद कहते हैं। घर में भगवान को प्रसन्न करने के लिए इस आसान तरीके से खाजा बनाकर लगाएं भोग।
कानपुर के नयागंज में जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान साउंड की आवाज कम करने की बात पर बवाल हो गया। महंत के साथ भक्त धरने पर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और दारोगा के निलंबन के बिना उठने को तैयार नहीं हुए
Jagannath rath yatra 2025: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 27 जून से शुरू हो चुकी है। भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र को गर्भग्रह से निकालकर सुंदर रथ पर सवार कर यात्रा के लिए ले जाया जा रहा। जानें आखिर क्यों मनाई जाती है रथ यात्रा?
Unique Facts about Rath Yatra: पुरी की रथ यात्रा की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होता है। कोई भी व्यक्ति, किसी भी धर्म, जाति या देश का हो, रथ खींच सकता है। जानें रथ यात्रा से जुड़ी खास बातें-
Happy Rath Yatra Wishes 2025: हर साल भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र व बहन देवी सुभद्रा की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है। जिसे देखने व रस्सी खींचने के लिए लाखों भक्त रथ यात्रा में शामिल होते हैं। आप रथ यात्रा के पावन पर्व की अपनों को इन चुनिंदा मैसेज से बधाई भेज सकते हैं।
Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi: पुरी, ओडिशा में स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में हर साल आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा का शुरू होती है। जानें भगवान गुंडिचा मंदिर क्यों जाते हैं, इसके पीछे की कहानी
मीडिया से बात करते हुए,हर्ष सांघवी ने कहा कि रथ यात्रा सिर्फ एक बड़ा धार्मिक आयोजन नहीं है,बल्कि यह बड़े पैमाने पर अनुशासन और एकता को भी दर्शाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पहली बार भीड़ को नियंत्रित करने या किसी भी तरह की बाधा को रोकने के लिए AI का इस्तेमाल किया जाएगा।
Jagannath Rath Yatra 2025: प्राचीनकाल से चली आ रही रथ-यात्रा के प्रति लोगों के मन में चैतन्य महाप्रभु ने विशेष भाव जगाया। अब जब जगन्नाथ पुरी में रथ-यात्रा निकलती है, तब दुनियाभर से लाखों की संख्या में यहां आए लोग इस भव्य आयोजन के साक्षी बनते हैं।
27 जून 2025 को भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी। रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर पुरी नगर से गुजरते हुए गुंडीचा मंदिर पहुंचती है। यहां भगवान जगन्नाथ, बलरामजी और बहन सुभद्रा सात दिन विश्राम करते हैं। गुंडीचा मंदिर भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर है।
Gundicha Mandir: भगवान जगन्नाथ की यात्रा 27 जून को है। इससे पहले वह 7 दिन गुंडिचा मंदिर में अपने भाई-बहन के साथ रहेंगे। जानते हैं कि आखिर इसके पीछे की क्या कहानी है? साथ ही गुंडिचा मंदिर से भगवान जगन्नाथ के कनेक्शन को भी जानेंगे।