3500 CCTV, 23000 जवान; गुजरात में जगन्नाथ यात्रा को लेकर सरकार का प्लान तैयार
मीडिया से बात करते हुए,हर्ष सांघवी ने कहा कि रथ यात्रा सिर्फ एक बड़ा धार्मिक आयोजन नहीं है,बल्कि यह बड़े पैमाने पर अनुशासन और एकता को भी दर्शाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पहली बार भीड़ को नियंत्रित करने या किसी भी तरह की बाधा को रोकने के लिए AI का इस्तेमाल किया जाएगा।

भगवान जगन्नाथ की 148वीं रथ यात्रा के लिए अहमदाबाद पूरी तरह तैयार है। इसके लिए खास तैयारियां और कई स्तरों वाली सुरक्षा व्यवस्था की गई है। रथ यात्रा से एक शाम पहले,गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने 'नेत्रोत्सव' नाम की पारंपरिक पूजा में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने आरती की और खास झंडा फहराया। सांघवी ने गुजरात के पुलिस महानिदेशक (DGP) विकास सहाय और अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जी.एस. मलिक के साथ मिलकर 16 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग का बारीकी से जायजा भी लिया। उन्होंने मौके पर जाकर तैयारियों की समीक्षा की।
मीडिया से बात करते हुए,हर्ष सांघवी ने कहा कि रथ यात्रा सिर्फ एक बड़ा धार्मिक आयोजन नहीं है,बल्कि यह बड़े पैमाने पर अनुशासन और एकता को भी दर्शाती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में पहली बार भीड़ को नियंत्रित करने और भगदड़ या किसी भी तरह की बाधा को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया जाएगा। बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए उनके सुचारु आवागमन और दर्शन सुनिश्चित करने में ड्रोन और निगरानी प्रणालियां(Surveillance Points) मदद करेंगी। यात्रा की सुरक्षा के लिए 3,500 सीसीटीवी कैमरे,2872 बॉडी-वर्न कैमरे,240 छत निगरानी बिंदु,25 वॉचटावर और 23,844 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
पूरे यात्रा मार्ग की 3D मैपिंग की गई है, ताकि सुरक्षा की बेहतर योजना बनाई जा सके। इस साल गुजरात में कुल 213 रथ यात्राएं होनी हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियों और धार्मिक संगठनों के बीच तालमेल से पूरे राज्य में कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। अहमदाबाद में पुलिस ने रास्ते में पड़ने वाली 484 पुरानी और कमजोर इमारतों को पहले ही सील कर दिया है,ताकि उनसे कोई खतरा न हो। अहमदाबाद नगर निगम (AMC) के साथ मिलकर इन इमारतों को तिरपाल और बैरिकेड्स से सुरक्षित किया गया है।
लोगों की सुरक्षा के लिए रास्ते में 17 जन सहायता केंद्र (पब्लिक हेल्प सेंटर) बनाए जाएंगे। सांघवी ने बताया कि पिछले साल इन केंद्रों के जरिए 65 से ज़्यादा बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया गया था और इस साल भी ऐसे ही इंतजाम किए गए हैं। मंत्री ने पुलिस बल के समर्पण की तारीफ की। उन्होंने पुलिस द्वारा चलाए जा रहे सामुदायिक कार्यक्रमों जैसे क्रिकेट मैच और महिलाओं के नेतृत्व वाली शांति बैठकों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा,"यह यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है,बल्कि सामाजिक सद्भाव का प्रतीक भी है, और हमारी पुलिस टीमों ने इस भावना को बनाए रखने के लिए दिन-रात काम किया है।"
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