आगरा-अलीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के बाईपास स्थित इगलास रोड की बदहाल सड़क और जलभराव की समस्या से यहां से गुजरने वाले राहगीर दिक्क्त झेल रहे हैं। यह एक प्रमुख मार्ग है, जो अलीगढ़ जिले के खैर, टप्पल, जट्टारी होते हुए आगरा-नोएडा एक्सप्रेस को जोड़ता है।
किसी समय अपने बूरे की मिठास की पहचान के लिए हाथरस सहित आस-पास के जिलों में अपनी पहचान रखने वाला शहर का हलवाई खाना बाजार की पहचान आज झूलती बंच लाइन और जर्जर हो चुके विद्युत खंभों के तौर पर हो रही है।
करोड़ों रुपये की जमीन की खरीद-फरोख्त हो या फिर घर परिवार की संपत्ति का बंटवारा, सभी में दस्तावेज लेखकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वह अपनी कलम से तथ्यों को कानूनी रूप देते हैं और फिर नियमानुसार निबंधन कार्यालय में लिखे स्टांप को बिना किसी गलती के दाखिल कराते हैं।
शहर में रहने वाली जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए शहर के तालाब चौराहा पर ओवरब्रिज का निर्माण कराया गया था, ओवरब्रिज निर्माण के बाद लोगों को काफी हदतक जाम की समस्या से तो निजात मिल गई है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी के चलते ओवरब्रिज पर हादसे बढ़ गए हैं।
पैरामेडिकल कोर्स करने वाली छात्राएं रोग सोग मिटाकर आरोग्यता जीवन देने की तैयारी कर रही है। वह चाहती है कि कोर्स पूरा होने के बाद सरकार उन्हें सेवा का अवसर दे। यानि उन्हें हर हाल में नौकरी दे। कोराना काल में स्टाफ नर्सों ने अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर लोगों की जिंदगी बचाई।
ब्रज की द्वारा देहरी कहे जाने वाले हाथरस नगर में लोग महादान की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पूरे शहर में सालभर में शहर के बागला संयुक्त जिला अस्पताल के अलावा बड़ी-छोटे ब्लड बैंक लगभग 3 हजार यूनिट ब्लड डोनेट कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनट की हुई बैठक में प्रत्येक विधानसभा में एक-एक बारातघर बनाने का निर्णय लिया गया है। सरकार के इस फैसले के बाद कई सालों से अधूरे पड़े बारातघर का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद जगी है। ऐसा ही एक बारातघर शहर के भूरापीर स्थित आर्य नगर में है।
अलीगढ़ रोड स्थित रुहेरी स्थित 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र दशकों बाद भी बदहाल पड़ा हुआ है। बिजलीघर में जगह-जगह कूड़ा कचरा और भुस भरा हुआ है। बिजलीघर में लगे ट्रांसफॉर्मर व अन्य उपकरण जर्जर होते जा रहे हैं।
किसी भी आपात स्थिति चाहे वो प्राकृतिक आपदा हो, तकनीकी संकट या युद्ध जैसी परिस्थितियां। इससे निपटने के लिए मॉक ड्रिल यानी पूर्वाभ्यास बेहद जरूरी हो गया है। इसमें प्रशासनिक एजेंसियों के साथ-साथ आमजन की भागीदारी भी अहम मानी जाती है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान के कारोबारी इन दिनों काफी समस्या से जूझ रहे हैं। उनका कहना है कि ऑन लाइन ने उनका कारोबार पूरी तरह से चौपट कर दिया। जिसके चलते आज व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया। ऑन लाइन घर बैठे ही ग्राहक को सभी सामान उपलब्ध होने की वजह से ग्राहक अब बाजार में नहीं आते हैं।