चार साल से अधूरे पड़े बारातघर के बनने की उम्मीद जगी
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनट की हुई बैठक में प्रत्येक विधानसभा में एक-एक बारातघर बनाने का निर्णय लिया गया है। सरकार के इस फैसले के बाद कई सालों से अधूरे पड़े बारातघर का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद जगी है। ऐसा ही एक बारातघर शहर के भूरापीर स्थित आर्य नगर में है।
बारातघर में जगह-जगह गंदगी और कूड़े-कचरे का ढेर लगा हुआ है। शौचालय पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके चलते स्थानीय लोगों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को हिन्दुस्तान के अभियान ‘बोले हाथरस’ के तहत टीम ने शहर के भूरापीर स्थित आर्य नगर में पहुंचकर अधूरे पड़े बारातघर को लेकर लोग से संवाद किया।
नरेश कुमार और दिनेश चंद्र ने बताया कि भूरापीर और उसके आस-पास की गली में रहने वाले ज्यादातर लोग मेहनत मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। क्षेत्र में कोई ऐसा बारातघर नहीं है। जहां लोग शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम कर सकें। लगभग चार साल पहले नगर पालिका परिषद द्वारा आर्य नगर में एक बारातघर के निर्माण की नींव रखी थी। नींव रखे जाने के बाद बारातघर का निर्माण कार्य भी हुआ, लेकिन बीच में यह कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। विनोद कुमार और वीरेंद्र कुमार ने बताया कि बारातघर अधूरा होने वजह से बारातघर की बिल्डिंग जर्जर होती जा रही है। जगह-जगह बारातघर में गंदगी का ढेर लगा हुआ है। बारातघर कूड़ा-कचरा डालने का स्थान बनकर रह गया है। कई बार नगर पालिका के अधिकारियों से बारातघर का निर्माण कार्य पूरा कराए जाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी आजतक किसी के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। बारातघर अधूरा होने की वजह स्थानीय लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निर्माण अधूरा होने की वजह से भवन जर्जर होता जा रहा है। जगह-जगह गंदगी और कूड़े-कचरे के ढेर लगे हुए हैं। शौचालय भी अधूरा पड़ा हुआ है। शौचालय के दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लेंटर से लेकर पिलर क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं। इससे हादसा होने का भी डर बना रहता है। लेकिन इस ओर किसी का कोई ध्यान नहीं दिया। लोगों ने बताया कि अधूरे बारातघर में हर समय असामाजिकतत्वों का जमघट लगा रहता है। युवाओं की टोली यहां नशा करने के साथ ताश पत्ते खेलती रहती है। लोगों ने बताया कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक बारातघर बनाए जाने का फैसला लिया है। यह निर्णय सही है, लेकिन पहले उन बारातघर की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए जो कई सालों से अधूरे पड़े हैं और उनका निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। ऐसे बारातघर का निर्माण कार्य पूरा कराया जाना चाहिए। जिससे की लोगों का इसका लाभ मिल सके और लोग अपने बेटी-बेटियों की शादी व अन्य मांगलिक कार्यक्रम आसानी से कर सकें।
गरीब असहाय और कमजोर लोगों के लिए बनाए जा रहे बारातघर
प्रदेश सरकार द्वारा गरीब असहायक और कमजोर लोगों के लिए मलिन बस्तियों में बारातघर का निर्माण कराया जा रहा है। जिससे की यह लोग अपने बेटे-बेटियों की शादी और अन्य मांगलिक कार्यक्रम आसानी से इन बारातघर में कर सकें। जिससे शादी-विवाह कार्यक्रम में हजारों रुपये गेस्ट हाउस, मैरिज हॉम, धर्मशाला किराए पर खर्च होने वाले हजारों के बोझ से बचा जा सकें। लेकिन अधूरे बारातघर होने की वजह से लोगों को मजबूरन हजारों रुपये खर्च करके धर्मशाला और गेस्ट हाउस बुक करने पड़ते हैं।
चार साल से अधूरा पड़ा बारातघर, जर्जर होता जा रहा
शहर के भूरापीर स्थित आर्य नगर में निर्माणाधीन बारातघर में ज्यादातर काम पूरा कराया जा चुका था, उम्मीद थी कि जल्द ही बारातघर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चार साल से यह बारातघर आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। गरीब असहाय और कमजोर लोगों के लिए बनाये गए बारातघर पर न तो नगर पालिका ध्यान दे रही है और न ही जिला प्रशासन। मिश्रित आबादी में इतना तंग हाल है कि छोटी-छोटी गलियों मे कोई भी मांगलिक कार्यक्रम नहीं किया जा सकता। लोगों को उम्मीद थी कि बारात घर निर्माण होने के बाद गरीब बेटियों के विवाह-शादी कार्यक्रम के लिए सुगमता हो जाएगी। लेकिन आजतक बारातघर का निर्माण पूरा नहीं हो सकता है।
बारातघर निर्माण के लिए हो चुका है धरना प्रदर्शन
भूरापीर आर्य नगर में चार साल अधूरे पड़े बारातघर का निर्माण कार्य पूरा कराए जाने की मांग को लेकर स्थानीय सभासद से लेकर स्थानीय लोगों द्वारा कई बार नगर पालिका परिषद के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है। जब इस पर भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ तो सभासदों और स्थानीय लोगों द्वारा कई बार धरना प्रदर्शन भी किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी आजतक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ।
बारातघर की बिल्डिंग होती जा रही जर्जर
भूरापीर आर्य नगर में स्थित अधूरे पड़े बारातघर का लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन चार से इसका शेष बचा हुआ 30 फीसदी काम पूरा नहीं हो सका है। निर्माण कार्य अधूरा होने की वजह से जो काम पूरा हो चुका है वह भी जर्जर होता जा रहा है। बारातघर की बिल्डिंग जर्जर होती जा रही है। लेंटर से लेकर दीवार क्षतिग्रस्त होती जा रही है। जिससे इसके गिरने की संभावना बनी हुई है। अगर ऐसा होता है तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
बारातघर बना गया कूड़ा-कचरा घर
अधूरे पड़े बारातघर को स्थानीय लोगों द्वारा कूड़ा-कचरा घर बना दिया है। जगह-जगह बारातघर में कूड़े-कचरे का ढेर लगा हुआ है। चारों ओर गंदगी का साम्राज्य बना हुआ है। आस-पास के इलाके में हर समय दुर्गांध फैल रही है। गंदगी और बदबू की वजह से स्थानीय लोगों यहां रहना मुश्किल हो गया। गंदगी वजह से गर्मियों के दिनों में बीमारियों के फैलने की आशंका बनी हुई है। इस ओर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से लोगों में काफी आक्रोश है।
शौचालय तक हो गए क्षतिग्रस्त
आर्य नगर में निर्माणाधीन बारातघर का निर्माण चार साल बाद भी आज अधूरा पड़ा हुआ है। बारातघर का निर्माण कार्य तो पूरा हुआ नहीं, लेकिन यहां बने शौचालय भी क्षतिग्रस्त हो गए। शौचालय के दरवाजे टूट गए। पानी की टंकी से लेकर पेयजल लाइन, पानी की टोंटी और टाइल्स भी टूटकर गिर गए हैं। चारों ओर शौचालय में गंदगी भरी हुई है। देखने से यह शौचालय कम कूड़ा घर ज्यादा लगता है।
शिकायत और सुझाव:
बारातघर नहीं होने की वजह से शादी-विवाह व अन्य मांगलिक कार्यक्रम के लिए परेशानी होती है।
चार साल से बारातघर का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।
निर्माण कार्य अधूरा होने की वजह से बारातघर की बिल्डिंग जर्जर होती जा रही है।
बारातघर में जगह-जगह गंदगी, कूड़ा-कचरे का ढेर लगा हुआ है।
शौचालय क्षतिग्रस्त होने की वजह से लोगों को असुविधा होती है।
सुझाव:
बारातघर बनने से लोगों के एक बड़ी सुविधा मिलेगी।
जल्द से जल्द बारातघर का निर्माण कार्य पूरा कराया जाना चाहिए।
बारातघर का निर्माण पूरा कराए जाने के साथ जर्जर होती जा रही बिल्डिंग की मरम्मत कराई जाए।
बारातघर में साफ-सफाई कराई जाए और कूड़ा-कचरा उठवाया जाए।
क्षतिग्रस्त हो रहे शौचालय की मरम्मत कराई जाए।
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