आईएसएस पहुंचते ही शुभांशु शुक्ला ऐसा करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उन्होंने देश को खास संदेश में कहा- आसान लगता है, लेकिन सिर थोड़ा भारी है लेकिन मेरे कंधे पर जो तिरंगा है, उससे गर्व महसूस हो रहा है।
Shubhanshu Shukla: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। वह स्पेस स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर शुभांशु और उनकी टीम का वहां मौजूद यात्रियों ने जोरदार तरीके से स्वागत किया गया।
शुभांशु शुक्ला के साथ स्पेस-एक्स अंतरिक्ष यान से ISS पहुंचने पर लोगों ने जश्न मनाया। अंतरिक्ष यान के पृथ्वी के चारों ओर 28 घंटे की यात्रा के बाद कक्षीय प्रयोगशाला में पहुंचते ही 'भारत माता की जय', 'इंडिया-इंडिया' और 'हिप हिप हुर्रे' के नारे गूंज उठे।
शुभांशु शुक्ला का यान सफलतापूर्वक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गया है। भारत ने 40 साल बाद अंतरिक्ष में यह कीर्तिमान दोहराया है। शुभांशु ऐसा करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। जबकि, राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में कदम रखने वाले भारत के दूसरे व्यक्ति।
शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर 14 दिन के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुए थे।
लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा पर निकले हैं। उन्होंने बुधवार की दोपहर वहां से पहला संदेश भेजा। शुभांशु को सीएम योगी ने भी बधाई दी है और इसे भारत की वैज्ञानिक क्षमता और वैश्विक भागीदारी की अद्भुत मिसाल बताया।
अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाले शुभांशु शुक्ला के मां और पिता लंचिंग के समय भावुक हो गए। मां आशा शुक्ला ने कहा कि शुभांशु की यात्रा शुभ और सफल हो। मेरे मन में कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। वहीं लखनऊ में जश्न का माहौल है।
शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष यान से ही जारी अपने संदेश में कहा, 'नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों। 41 साल बाद हम अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं, यह यादगार यात्रा है। हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से धरती का चक्कर काट रहे हैं, मेरे कंधों पर भारत का तिरंगा लगा है।'
Shubhanshu Shukla: 'नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथे निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन ‘एक्सिओम मिशन 4’ की लॉन्चिंग के लिए बुधवार 25 जून को तड़के का लक्ष्य निर्धारित किया है।'
नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स मौसम और तकनीकी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। यदि 25 जून को लॉन्च संभव नहीं हुआ, तो अगला अवसर 30 जून तक के लॉन्च विंडो में या मध्य जुलाई में हो सकता है।