Budh pushya nakshatra gochar: बुध शनि के पुष्य नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं। बुध के पुष्य नक्षत्र में आने से सभी 12 राशियां प्रभावित होंगी लेकिन कुछ भाग्यशाली राशियों पर बुधदेव की कृपा बरसेगी। जानें बुध नक्षत्र परिवर्तन से किन राशियों को होगा लाभ।
Budh Gochar: बुध एक निश्चित समय में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। बुध जल्द ही सूर्य की सिंह राशि में प्रवेश करने वाले हैं। सूर्य के सिंह गोचर से कुछ राशियों को शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
Rashifal Mercury Transit 2025: कल बदलेंगे ग्रहों के राजकुमार अपनी चाल। पुष्य नक्षत्र के स्वामी ग्रह शनि देव माने जाते हैं। शनि के नक्षत्र में बुध का नक्षत्र गोचर होना कुछ राशि के जातकों को मालामाल बना सकता है।
Transit Of Mercury set: इस साल लगभग 24 दिनों के लिए बुध अस्त अवस्था में ही गोचर करने वाले हैं। इस दौरान बुध चंद्र देव की कर्क राशि में विराजमान रहेंगे। बुध के अस्त होने से कुछ राशियों को काफी अच्छा मुनाफा हो सकता है।
जुलाई के महीने में 2 ग्रह वक्री होने जा रहे हैं। 13 जुलाई को शनि देव वक्री हो जाएंगे। इसके बाद 18 जुलाई को बुध देव वक्री हो जाएंगे। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार शनि और बुध के वक्री होने से कुछ राशि वालों का अच्छा समय शुरू हो जाएगा।
Budh vakri: जुलाई में बुध ग्रह की चाल में बदलाव होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध की चाल का प्रभाव सभी 12 राशियों पर देखने को मिलेगा। लेकिन कुछ भाग्यशाली राशियों पर इस अवधि में बुधदेव की कृपा बरसेगी।
Mercury Transit In Cancer : 23 जून 2025 यानी कल बुध देव मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ज्योतिषशास्त्र में बुध को विशेष स्थान प्राप्त है। बुध देव को राजकुमार कहा जाता है। बुध के कर्क राशि में प्रवेश से कुछ राशि वालों का अच्छा समय शुरू हो जाएगा।
Budh Vakri: बुध जुलाई महीने में अपनी चाल में बदलाव कर कुछ राशियों को अच्छे फल प्रदान करेंगे। बुध की चाल बदलने से कुछ राशियों का भाग्य भी पलट सकता है। इस अवधि में कुछ भाग्यशाली राशियों को अच्छे फल प्राप्त होंगे।
Budh Rashifal Mercury Transit 2025: बुध का कर्क राशि में प्रवेश होगा, जो चंद्र देव की राशि है। बुध का गोचर कुछ राशियों के लिए अच्छा वक्त लाएगा तो कुछ के लिए टाइम मुश्किल साबित होगा।
Budh Vakri : 18 जुलाई 2025 को बुध देव वक्री हो जाएंगे। बुध देव को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्रता का कारक ग्रह कहा जाता है। ज्योतिषशास्त्र में बुध को विशेष स्थान प्राप्त है।