बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का अभियान शुरू, चुनाव आयोग ने बताया क्या-क्या होगा?
बिहार चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू किया है। यह अभियान 25 जून से 26 जुलाई तक चलेगा, राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में वर्तमान 7,89,69,844 मतदाताओं के लिए नए गणना फार्मों की छपाई एवं घर-घर वितरण कार्य प्रारंभ हो चुका है।

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। शनिवार को आयोग से मिली जानकारी के अनुसार इसके लिए बिहार के 5,74,07,022 पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर एसएमएस भेजे जा रहे है। वहीं, बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में वर्तमान 7,89,69,844 मतदाताओं के लिए नए गणना फार्मों की छपाई एवं घर-घर वितरण कार्य प्रारंभ हो चुका है। नए गणना प्रपत्रों को ऑनलाइन भरने की सुविधा भी शुरू कर दी गई है।
आयोग के अनुसार, भारत में संविधान को सभी मानते हैं। संविधान के अनुच्छेद 326 में मतदाता बनने की पात्रता का जिक्र है। केवल वे भारतीय नागरिक जो 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं और किसी निर्वाचन क्षेत्र में सामान्य रूप से निवास करते हैं, मतदाता बनने के पात्र हैं। बिहार में हर मतदाता की पात्रता की पुष्टि के लिए सभी राजनीतिक दलों की पूर्ण सहभागिता के साथ विशेष गहन पुनरीक्षण सफलतापूर्वक शुरू हो चुका है। आयोग के अनुसार, पहले से ही राज्य में 77,895 बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) हैं। नए मतदान केंद्रों के लिए लगभग 20,603 नए बीएलओ की नियुक्ति की जा रही है।
आयोग के अनुसार, वर्तमान 7,89,69,844 मतदाताओं में से लगभग 4.96 करोड़ मतदाताओं के नाम पहले से 1 जनवरी 2023 की अंतिम गहन पुनरीक्षित मतदाता सूची में हैं। उन्हें केवल इसकी पुष्टि करनी है, गणना फार्म भरकर जमा करना है। एक लाख से अधिक स्वयंसेवक इस विशेष पुनरीक्षण के दौरान विशेष रूप से वृद्ध, बीमार, दिव्यांग, गरीब तथा अन्य वंचित समूहों के वास्तविक मतदाताओं की सहायता करेंगे। वहीं, आयोग में पंजीकृत सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों ने अब तक 1,54,977 बूथ स्तरीय एजेंट ( बीएलए) नियुक्त किए हैं। वे अब भी और अधिक बीएलए नियुक्त कर सकते हैं। यह अभियान 25 जून से 26 जुलाई तक चलेगा, जिसमें घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन किया जा रहा है।
मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम में भाग नहीं लेने वाले बीएलओ पर प्राथमिक की दर्ज की जाएगी। ऐसे बीएलओ को चिन्हित किया जाएगा। शनिवार को ज्ञान भवन में बांकीपुर कुम्हरार और दीघा विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ के प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबोधित करते हुए जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एस एम ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम से संबंधित सभी कर्मियों को प्रशिक्षण लेना है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। खासकर बीएलओ को यह ट्रेनिंग लेनी जरूरी है ऐसी शिकायत मिल रही है कि कई लोग प्रशिक्षण कार्यक्रम में नहीं आ रहे हैं ऐसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। इधर अनुसूचित जाति एवं जनजाति टोला में मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के लिए विकास मित्र को तैनात किया गया है।
वहीं राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि ग्रामीण मतदाता जिनके पास औपचारिक जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, वे निवास और नागरिकता के प्रमाण के रूप में भूमि रिकॉर्ड, किरायेदार बहीखाते और संपत्ति के कागजात का उपयोग कर सकते हैं। खतियान रिकॉर्ड से पता चलता है कि कोई व्यक्ति राज्य का सामान्य निवासी है और उसके पूर्वज यहीं के थे। इसलिए, यह एक स्वीकार्य भूमि रिकॉर्ड है जैसा कि एसआईआर दिशानिर्देशों में ईसीआई द्वारा निर्धारित किया गया है