Hindi Newsबिहार न्यूज़Ruckus over amendment in voter list in Bihar after Tejashwi Prashant Kishor asked questions to Election Commission

बिहार में वोटर लिस्ट में संशोधन पर घमासान, तेजस्वी के बाद प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग से पूछे सवाल

बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में संशोधन को लेकर महागठबंधन के बाद अब जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने भी चुनाव आयोग से कई सवाल पूछे हैं। उन्होने कहा कि चुनाव आयोग ये साफ करे कि मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया क्या है? इसके मापदंड क्या हैं? और किस आधार पर नाम हटाया या जोड़ा जाएगा।

sandeep लाइव हिन्दुस्तान, आराFri, 27 June 2025 10:22 PM
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बिहार में वोटर लिस्ट में संशोधन पर घमासान, तेजस्वी के बाद प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग से पूछे सवाल

बिहार में चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची का पुनरीक्षण कराये जाने के फैसले पर घमासान मचा हुआ है। इंडिया गठबंधन ने पुरजोर विरोध किया है, और इसे गरीबों को वोट देने से रोकने की साजिश बताया है। अब इस मामले पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने भी प्रतिक्रिया देते हुए सवाल उठाए हैं। पीके ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के बाद से ही मतदाता सूची को लेकर सवाल उठ रहे हैं और अब तक चुनाव आयोग की ओर से इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। अब अगर चुनाव आयोग बिहार में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मतदाता सूची में संशोधन के नियमों में कुछ बदलाव करता है तो उसे पहले जनता और सभी हितधारकों को विश्वास में लेना चाहिए।

प्रशांत किशोर ने कहा चुनाव आयोग को जनता को भरोसा दिलाना होगा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष है और इसमें कोई गलती नहीं की जाएगी। क्योंकि महाराष्ट्र चुनाव के बाद चुनाव आयोग की कार्यशैली पर जो सवाल उठे हैं, उससे लोगों के मन में यह संदेह या डर पैदा होना स्वाभाविक है। लोगों को शक है, और इस बात का डर है कि भाजपा के लोग और सत्ता में बैठे लोगों के दबाव में कहीं चुनाव आयोग उन लोगों का नाम मतदाता सूची से न हटा दें, जो भाजपा के समर्थक नहीं माने जाते। इसलिए चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया क्या है, इसके मापदंड क्या हैं? और किस आधार पर किसी का नाम हटाया या जोड़ा जाएगा।

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इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सवाल उठाते हुए पूछा कि पिछली बार जो काम 2 साल में हुआ था, इस बार इसे 25 दिन में कैसे पूरा किया जायेगा। क्यों नहीं केंद्र सरकार 25 दिनों में जातीय जनगणना करा लेती है। गरीबों को वोट देने से रोकने की साजिश रची जा रही है। माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग वोटरबंदी कर रही है। वहीं मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि बैकडोर से एनआरसी लागू किया जा रहा है।

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