RSS ने संविधान बदलने की बात कही है, लोकतंत्र से इतनी घृणा... लालू ने होसबोले के बयान पर संघ को घेरा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले के संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटाने की मांग पर राजद चीफ लालू यादव ने हमला बोला है। उन्होने कहा कि आरएसएस ने संविधान बदलने की बात कही है। लोकतंत्र एवं बाबा साहेब के संविधान के प्रति इतनी घृणा क्यों है?
आरजेडी चीफ लालू यादव ने एक बार फिर से संघ पर हमला बोला है। सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट में लिखा कि आरएसएस ने संविधान बदलने की बात कही है। इन लोगों के मन और विचार में लोकतंत्र एवं बाबा साहेब के संविधान के प्रति इतनी घृणा क्यों है? दरअसल लालू यादव ने ये टिप्पणी संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले के एक बयान पर की है। जिसमें उन्होने संविधान की प्रस्तवना से दो शब्दों को हटाने की बात कही थी।
लालू यादव ने ट्वीट कर लिखा कि देश के सबसे बड़े जातिवादी और नफरती संगठन RSS ने संविधान बदलने की बात कही है। इनकी इतनी हिम्मत नहीं कि संविधान और आरक्षण की तरफ़ आँख उठाकर देख सके। अन्यायी चरित्र के लोगों के मन व विचार में लोकतंत्र एवं बाबा साहेब के संविधान के प्रति इतनी घृणा क्यों है?
दरअसल आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने मांग करते हुए कहा कि संविधान की प्रस्तावना से दो शब्दों समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष को हटा देना चाहिए। ये दोनों शब्द आपातकाल के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जोड़ा था। साथ ही उन्होंने मांग की कि कांग्रेस को 50 साल पहले इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के लिए माफी मांगनी चाहिए।
25 जून 1975 को घोषित आपातकाल के दिनों को याद करते हुए होसबोले ने कहा कि उस दौरान हजारों लोगों को जेल में डाला गया और उन पर अत्याचार किए गए। वहीं, न्यायपालिका और मीडिया की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगाया गया। आरएसएस नेता ने कहा कि आपातकाल के दिनों में बड़े पैमाने पर जबरन नसबंदी भी की गई। जिन लोगों ने ऐसी हरकतें कीं, वे आज संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं। उन्होंने अभी तक माफी नहीं मांगी है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए