बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में संशोधन को लेकर महागठबंधन के बाद अब जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने भी चुनाव आयोग से कई सवाल पूछे हैं। उन्होने कहा कि चुनाव आयोग ये साफ करे कि मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया क्या है? इसके मापदंड क्या हैं? और किस आधार पर नाम हटाया या जोड़ा जाएगा।
वोटर लिस्ट संशोधन में मतदाता बनने या राज्य के बाहर से आने वाले आवेदकों को यह शपथ-पत्र देना होगा कि उनका जन्म एक जुलाई, 1987 से पहले भारत में हुआ था और जन्म तिथि और/या जन्म स्थान को प्रमाणित करने वाला कोई भी दस्तावेज़ देना होगा।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) किया जा रहा है। इसमें वोटर्स का घर-घर जाकर सत्यापन हो रहा है। मतदाताओं को अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए वैध दस्तावेज दिखाने होंगे।
ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि आयोग की नई मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने आशंका जताई कि यह प्रक्रिया NRC की ओर एक अप्रत्यक्ष कदम हो सकता है।
Bihar Assembly Elections: गुरुवार को पटना में बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद कुमार गुंजियाल, सभी प्रमंडलों के आयुक्त एवं सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम के साथ बैठक होगी।
EC ने कहा है कि मतदाता बनने या राज्य के बाहर से आने वाले आवेदकों की एक श्रेणी के लिए एक अतिरिक्त ‘घोषणा फॉर्म’ पेश किया गया है। उन्हें यह शपथपत्र देना होगा कि उनका जन्म एक जुलाई, 1987 से पहले भारत में हुआ था।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान इस साल छठ पूजा 2025 के बाद कराया जा सकता है। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) लगभग 22 सालों के बाद बिहार में वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण कर रहा है। फाइनल वोटर लिस्ट 30 सितंबर को जारी होगी, जिसके बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा।
चुनाव आयोग ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव को लेकर उनके किसी भी सवाल पर बातचीत के लिए उन्हें पत्र लिख कर आमंत्रित किया है। इस बीच, गांधी ने एक बार फिर EC पर वोट चोरी पर चुप्पी का आरोप लगाया है।
बिहार चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग ने चार महीने का कैलेंडर जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि कब-कब क्या होगा। इस दौरान बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं का नाम जोड़ने, हटाने या संशोधित किए जाने की प्रक्रिया पूरी करेंगे। एक अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
चुनाव आयोग का तर्क है कि सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने से मतदान की गोपनीयता भंग हो सकती है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग से इसका दुरुपयोग हो सकता है।