Shani Vakri : ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों के वक्री होने को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहों के वक्री होने का सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है। 13 जुलाई को शनिदेव की चाल बदलने जा रही है। इस दिन शनिदेव मीन राशि में वक्री हो जाएंगे।
Shani Rashifal in hindi: अब 13 जुलाई से शनि वक्री चाल से चलना शुरू करेंगे। शनि का यह गोचर ऐसे समय में हो रहा है, जब सावन और चतुर्मास लगे हैं। शनि के इस योग से किन राशियों को लाभ होगा और उनके काम कैसे बनेंगे, यहां पढ़ें
How to please shani dev: ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्म फलदाता व न्याय देवता माना गया है। शनि की ढैय्या ढाई साल तक चलती है। इस दौरान व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। जानें किन राशियों पर चल रही शनि ढैय्या व शनि उपाय-
जुलाई के महीने में 2 ग्रह वक्री होने जा रहे हैं। 13 जुलाई को शनि देव वक्री हो जाएंगे। इसके बाद 18 जुलाई को बुध देव वक्री हो जाएंगे। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार शनि और बुध के वक्री होने से कुछ राशि वालों का अच्छा समय शुरू हो जाएगा।
Shani Vakri in meen Rashi : चतुर्मास में शनि हो रहे हैं वक्री, शनि अब नवंबर तक वक्री होंगे, कुल मिलाकर 138 दिनों के लिए शनि वक्री हो रहे हैं। यहां जानें शनि का वक्री होना, किन राशियों को लाभ देगा।
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए इस पावन दिन भगवान शंकर का गंगा जल से अभिषेक करें और श्री रुद्राष्टकम का पाठ करें।
Saturn-Jupiter: जुलाई में शनि अपनी चाल में बदलाव करेंगे। शनि उलटी यानी वक्री चाल शुरु करेंगे, जबकि गुरु अस्त से उदित अवस्था में आएंगे। जानें गुरु-शनि की स्थिति व चाल में होने वाला बदलाव किन राशियों के लिए रहेगा अच्छा।
Shani Chalisa in Hindi : हिंदू धर्म में शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनि चालीसा का पाठ करने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्ति होती है।
shani vakri saturn retrograde 2025 : ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है। 13 जुलाई को शनिदेव की चाल बदलने जा रही है। इस दिन शनिदेव मीन में वक्री हो जाएंगे। शनिदेव वक्री होकर कुछ राशि वालों को शुभ फल देंगे।
जुलाई का महीना अपने साथ गुरु और शनि का एक बड़ा परिवर्तन लेकर आ रहा है। एक तरफ न्याय के देवता कहे जाने वाले ग्रह शनिदेव अपनी चाल में परिवर्तन करेंगे, वहीं देवगुरु बृहस्पति भी अस्त से उदय होंगे।