Bihar Flood: बकरा नदी के पड़रिया घाट पर करोड़ों की लागत से बनी पुल पिछले साल ही ध्वस्त हो गया था। सिकटी के बीडीओ परवेज आलम व सीओ मनीष कुमार चौधरी ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में रुक रुक कर बारिश से बकरा और नूना नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है।
बागमती के जलस्तर में रविवार की सुबह करीब दो से ढाई फीट की वृद्धि दर्ज की गई। नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में 24 घंटे से रुक-रुक कर हो रही बारिश से बागमती और सहायक नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है।
Bihar Flood: नेपाल और झारखंड में बारिश के बाद बिहार की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हो गयी है। लगभग सारी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा के अलावा, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला बलान, सोन, घाघरा, पुनपुन नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।
जहानाबाद के उदेरास्थान बराज से पानी छोड़े जाने के बाद से उफनाई फल्गू नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। जिसके चलते नालंदा के 3 प्रखंडों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। आपदा विभाग ने बचाव और राहत का कार्य तेज कर दिया है।
Bihar Flood: लबालब भरे फल्गु और तेज धारा देखकर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पचंदेवधाम घाट के समीप नया फोर लेन पुल के नीचे फंसे खानाबदोश लोग चिल्लाने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनने के बाद आसपास के लोग पहुंच गए। फोन कर आसपास के तैराक लोगों को बुला लिया गया।
तेज जलधारा में मुजफ्फरपुर के अतरार घाट पर बना चचरी का पुल भी बह गया। तकरीबन डेढ़ से दो सो मीटर का बना यह पुल बहने से औराई प्रखंड के लोगों का लाइफ लाइन कहा जाने वाला रास्ता अवरुद्ध हो गया है।
पिछले साल गंडक नदी में आई बाढ़ से हुए 512 करोड़ रुपये के नुकसान के बाद बिहार सरकार ने सर्वे कराने का फैसला लिया है। गंडक नदी का बिहार में 225 किलोमीटर तक सर्वे किया जाएगा।
बढ़ती आबादी, बदलते मौसम और नदियों में कचड़ा बहाने की वजह से 24 नदियां बिहार में सूखने की कगार पर हैं। कई नदियों की हालत खेत जैसी हो गई है। अब मनरेगा के तहत इनसे गाद निकाली जाएगी ताकि जल प्रवाह को ठीक किया जा सके।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नेे गोपालगंज की रैली में कहा कि पांच साल के लिए राज्य में एनडीए की सरकार बनाइए, हम बिहार को हमेशा के लिए बाढ़ से मुक्त करेंगे। जिस पर लालू यादव ने तंज कसते हुए कहा कि 20 साल क्या बाढ़ आमंत्रण पर काम कर रहे थे ?
कमला बराज बनाने की इस योजना को वर्ष 2020 में मंजूरी मिली और वर्ष 2021 में इसका कार्य प्रारंभ हुआ था। कमला बराज का निर्माण होने से मधुबनी जिले के जयनगर, कलुआही, बासोपट्टी, लदनिया, खजौली और हरलाखी प्रखंडों के किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होगी।