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बिहार में बारिश से बेचैनी, कोसी-सीमांचल के जिलों में बढ़ा नदियों का जलस्तर; बाढ़ और कटाव से सहमे लोग

Bihar Flood: बकरा नदी के पड़रिया घाट पर करोड़ों की लागत से बनी पुल पिछले साल ही ध्वस्त हो गया था। सिकटी के बीडीओ परवेज आलम व सीओ मनीष कुमार चौधरी ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में रुक रुक कर बारिश से बकरा और नूना नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, भागलपुरTue, 24 June 2025 07:04 AM
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बिहार में बारिश से बेचैनी, कोसी-सीमांचल के जिलों में बढ़ा नदियों का जलस्तर; बाढ़ और कटाव से सहमे लोग

Bihar Flood: बिहार में कोसी और सीमांचल के जिलों में लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। सुपौल जिले के वीरपुर बराज में इस साल पहली बार कोसी नदी का डिस्चार्ज सोमवार को एक लाख चार हजार क्यूसेक को पार कर गया। इसका कारण जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार हुई बारिश है। हालांकि, यह वृद्धि सुबह 10 बजे एक लाख चार हजार क्यूसेक दर्ज हुआ, जबकि उसके बाद जलस्तर में गिरावट हुई। वहीं एक बार फिर से शाम चार बजे डिस्चार्ज एक लाख छह हजार क्यूसेक दर्ज किया गया।

किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में रविवार की रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण क्षेत्र से होकर बहने वाली रतवा एवं कनकई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। रतवा नदी किनारे स्थित पुराना टेढ़ागाछ, रामपुर, धापरटोला, सुहिया, एवं कनकई नदी किनारे स्थित हरहरिया आदि गांवों में लोगों को कटाव का भी खतरा सताने लगा है। वहीं अररिया में बकरा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पड़रिया घाट पर बना चचरी पुल बह गया है।

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इसके कारण सोमवार से ग्रामीण नाव से नदी पार कर रहे हैं। बकरा नदी के पड़रिया घाट पर करोड़ों की लागत से बनी पुल पिछले साल ही ध्वस्त हो गया था। सिकटी के बीडीओ परवेज आलम व सीओ मनीष कुमार चौधरी ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में रुक रुक कर बारिश से बकरा और नूना नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। इससे यहां किसी को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।

निरंजना, फल्गु और मुहाने नदी में पानी हुआ स्थिर

गया जी में तीन दिन हुई अच्छी बारिश से निरंजना, फल्गु और मुहाने नदी का पानी कई गांवों में पहुंचा। बोधगया के छाछ, बतसपुर, घोंघरिया गांव में बाढ़ का पानी घुसा। यहां सब्जी की फसल का नुकसान हुआ। नदी किनारे बने मिट्टी के घर गिर गए। वहीं डोभी में एक पुल में दरार आ गई। आवागमन रोक दिया गया। लेकिन, सोमवार और मंगलवार को बारिश नहीं होने से नदियों के उफान में कमी आयी है। गांव से पानी निकल गया है। लोगों ने राहत की सांस ली है।

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