'पृथ्वी, मुझे अब भी तुझमें भरोसा है, ट्रैक पर आ जाओ', सचिन तेंदुलकर के ये शब्द शॉ का बढ़ा रहे हौसला
पृथ्वी शॉ अतीत में की गईं गलतियों से सबक लेकर क्रिकेट पर फोकस कर रहे हैं। गलत संगत, गलत फैसले, फिटनेस और अनुशासन की समस्याओं के चलते उनका करियर धमाकेदार आगाज के बाद भी ठहर गया। शॉ को गर्दिश के दिनों में महान सचिन तेंदुलकर के शब्द हौसला दे रहे, जिन्होंने उन्हें सही ट्रैक पर लौटने की सलाह दी है।

पृथ्वी शॉ को अपने सबसे मुश्किल दिनों में महान सचिन तेंदुलकर का साथ मिलना, उन पर भरोसा जताना बहुत उम्मीद देता है। जब सभी आपसे मुंह मोड़ ले, उस वक्त अगर दुनिया का महानतम बल्लेबाज आपकी फिक्र कर रहा हो, सलाह दे रहा हो... यह बात कितना मायने रखती है, शॉ से बेहतर कोई नहीं समझ सकता।
पृथ्वी शॉ जिस तेजी से क्रिकेट की दुनिया में उभरे, उसी तेजी से गायब भी हो गए। एक बच्चा जिसने हैरिस शील्ड में 546 रन बनाकर तहलका मचाया हो। एक लड़का जिसने अपनी कप्तानी में अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताया हो। जिसमें शुभमन गिल, अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी उसकी कप्तानी में खेले हों। जिसने उन दोनों से पहले टेस्ट डेब्यू किया। पहले ही टेस्ट में सेंचुरी जड़ा। आज उसे एक तरह से शून्य से शुरुआत करनी पड़ रही है।
शॉ जिस तेजी से अर्श पर पहुंचे, उसी तेजी से फर्श पर आ गिरे। भविष्य का क्रिकेट सुपर स्टार माने जाने वाला खिलाड़ी ट्रैक से ऐसे उतरा कि कभी उसकी कप्तानी में खेले गिल आज टेस्ट कप्तान हैं और वह भारतीय टीम में वापसी को तरस रहा। शॉ स्वीकार भी करते हैं कि वह भटक गए थे। गलत सोहबत, गलत दोस्त, खराब फैसले और अनुशासन की समस्या। अब शॉ क्रिकेट करियर को फिर से आकार देने में लगे हैं। वह सिर्फ 25 वर्ष के हैं। उन्हें अब उनसे कहे गए महान सचिन तेंदुलकर के शब्द उम्मीद दे रहे, हौसला दे रहे, हिम्मत दे रहे।
पृथ्वी शॉ ने न्यूज 24 को दिए इंटरव्यू में याद किया है कि कैसे सचिन तेंदुलकर उनका हौसला बढ़ाते हैं। कैसे मुश्किल दिनों में भी वह हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं। शॉ ने कहा, ‘सचिन सर मेरी जर्नी के बारे में जानते हैं। अर्जुन और मैं तब से दोस्त हैं जब हम 8-9 वर्ष के थे। हम साथ खेले। साथ बढ़े। सर भी कभी-कभी हमारे पास होते थे।’
पृथ्वी शॉ ने कहा, 'कुछ समय पहले ही मैंने उनसे बात की थी। बमुश्किल 2 महीने पहले। वह एमआईजी में प्रैक्टिस कर रहे थे। मैं भी वहां था। मैंने उनसे बात की। जब चीजें गड़बड़ हो जाएं और आप भटक जाएं तब आपको एक ऐसे मेंटॉर की जरूरत होती है जो आपमें चिंगारी जगा सके। उन्हें अब भी मुझमें भरोसा है। उन्होंने कहा- पृथ्वी, मुझे अब भी तुझमें भरोसा है और मैं आगे भी भरोसा करता रहूंगा। मैंने तुम्हें बड़े होते देखा है।'
सचिन की तरफ से हौसलाफजाई को याद करते हुए शॉ ने कहा, 'यहां तक कि आज भी वह मुझसे कहते हैं- सही ट्रैक पर आ जा, जैसे पहले था। अगले 13-14 वर्षों में सब कुछ संभव है। उन्हें मुझमें इतना भरोसा है और यह बात बहुत मायने रखती है।'