ताजमहल के हाई सिक्योरिटी एरिया में युवकों ने की फायरिंग, प्रतिबंधित क्षेत्र में भी घुसने की कोशिश
आगरा में स्थित ताजमहल में पश्चिमी गेट पार्किंग के पास दो युवकों ने प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने की कोशिश की। जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका तो हवाई फायरिंग करते हुए वहां से फरार हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस सीसीटीवी की मदद युवक को दबोच लिया।

यूपी के आगरा में स्थित ताजमहल में उस वक्त हड़कंप मच गया। जब पश्चिमी गेट पार्किंग के पास दो युवकों ने प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने की कोशिश की। जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका तो हवाई फायरिंग करते हुए वहां से फरार हो गए। उधर, सूचना मिलने पर पुलिस एक्टिव हो गई और सीसीटीवी की मदद से उन्हें ढूंढने में जुट गई। हालांकि सात घंटे बाद आरोपी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया।
ये मामला सोमवार सुबह करीब 9 बजे का है। मथुरा नंबर की एक गाड़ी पश्चिमी गेट पार्किंग से अमरूद टीला तक आ गई। पुलिस ने बैरियर पर गाड़ी को रोक दिया। गाड़ी में सवार युवक पुलिस से उलझ गया। खुद को बड़ा आदमी बताने लगा। आगे जाने की जिद करने लगा। पुलिस ने कार वापस लौटा दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वापस लौटने पर पार्किंग के पास कार सवार ने प्रतिबंधित क्षेत्र में एक-एक करके तीन हवाई फायर किए, जिससे दहशत फैल गई। आरोपित कार में बैठकर भाग गया। फायरिंग की घटना सोशल मीडिया पर वायरल हुई। मामला लखनऊ तक पहुंच गया। शुरू में पुलिस जांच की बात बोलती रही। फायरिंग की कोई पुष्टि करने को कोई अधिकारी तैयार नहीं था।
देर शाम पुलिस ने प्रेस नोट जारी किया। बताया कि सीसीटीवी की मदद से कार की पहचान की गई। कार चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ हुई तो उसने बताया कि वह गोवर्धन में रहता है। सुबह गोवर्धन से पंकज नाम का युवक कार से ताजमहल आया था। घटना के बाद उसने युवक को एत्मादुद्दौला के पास छोड़ दिया। युवक वहां से दूसरी गाड़ी में बैठकर चला गया था। सीसीटीवी से पता चला कि जिस गाड़ी से युवक गया, वह लखनऊ एक्सप्रेसवे पर गई थी। आगरा पुलिस ने गाड़ी की सूचना कन्नौज, उन्नाव और लखनऊ पुलिस को दी। लखनऊ में मानक नगर थाना पुलिस ने आरोपित को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम पंकज कुमार सिंह बताया। वह मूलत: बलरामपुर कालोनी, आजमगढ़ का निवासी है। पुलिस का दावा है कि आरोपित मनोरोगी है। पिछले 20 साल से उसका नूर मंजिल साइकेट्रिक सेंटर में इलाज चल रहा है।
मनोरोगी पर कहां से आई रिवाल्वर
पुलिस ने अपने प्रेस नोट में इस बात का उल्लेख नहीं किया है कि फायरिंग किस हथियार से की गई। बताया जा रहा है कि गोली रिवाल्वर से चलाई गई थी। वह लाइसेंसी है। सवाल यह उठ रहा है कि मनोरोगी के पास लाइसेंस हथियार कहां से आया।
परिवार को छोड़कर आया था
आरोपित पंकज कुमार सिंह अपने परिवार के साथ गोवर्धन आया था। पुलिस को जानकारी मिली है कि सुबह परिवार से विवाद के बाद वह अकेला ही आगरा आया था। भाड़े पर गाड़ी ली थी। पुलिस ने रोका तो गुस्से में फायरिंग कर दी। गनीमत यह रही कि गोलियां हवा में चलाई गई थीं।