प्रयागराज में भीम आर्मी का बवाल, पुलिस से झड़प के बाद गाड़ियां तोड़ीं, कई बाइकों में लगाई आग
प्रयागराज में सांसद चंद्रेशखर को पुलिस ने इसौटा गांव में जाने से रोक दिया। इससे पार्टी कार्यकर्ता उग्र हो गए और जमकर उत्पात मचाने लगे। चक्का जाम करते हुए नारेबाजी की। पुलिस टीम पर पथराव भी हुआ। जिससे कई पुलिसकर्मी चोटिल हो गए।

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भीम आर्मी के सह संस्थापक सांसद चंद्रशेखर आजाद को कौशाम्बी और करछना जाने से रोकने पर रविवार को बवाल हो गया। भड़ेवरा बाजार में पुलिस की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई। आधा दर्जन बाइक को आग के हवाले कर दिया गया। पथराव में पुलिसकर्मी, पत्रकार समेत डेढ़ दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। सर्किट हाउस में रोके गए चंद्रशेखर को रात साढ़े आठ बजे वाराणसी जाने दिया गया।
इसके बाद समर्थकों का गुस्सा सर्किट हाउस गेट से लेकर करछना के भड़ेवरा बाजार तक दिखा। सर्किट हाउस गेट पर देर शाम तक जहां कार्यकर्ता डटे रहे, वहीं भड़ेवरा बाजार में बड़ी संख्या में आजाद समर्थकों ने उत्पात मचाया। लगभग साढ़े तीन घंटे तक भड़ेवरा बाजार में तोड़फोड़, पथराव, आगजनी और चक्काजाम की स्थिति बनी रही। देर शाम आलाधिकारियों ने कई थानों की पुलिस और पीएसी बल के साथ पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।
इस मामले में अपर पुलिस आयुक्त डॉ. अजयपाल शर्मा ने बताया कि कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए सांसद चंद्रशेखर आजाद को जाने से रोका गया था। भड़ेवरा बाजार में उत्पात मचाने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है। अब तक एक दर्जन से अधिक को लोगों में हिरासत में लिया गया है।
इसौटा में दलित की हत्या कर शव जलाया
करछना में भुंडा चौकी क्षेत्र के इसौटा गांव निवासी अशोक कुमार का इकलौता बेटा 38 वर्षीय देवीशंकर 12 अप्रैल से लापता था। अशोक के मुताबिक, गांव के दिलीप सिंह उसे गेहूं की ढुलाई के लिए बुलाकर ले गए थे। इसके बाद से पता नहीं चला। 13 अप्रैल को सुबह गांव से 200 मीटर दूर बगीचे में देवीशंकर का अधजला शव मिला था। दलित युवक की हत्या कर शव जलाने की सूचना से आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से रोक दिया था। भीम आर्मी से जुड़े सदस्य भी जुट गए थे। गुस्सा बढ़ता देख पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था।
लोंहदा में बालिका से कथित दुष्कर्म का केस
28 मई को लोंहदा गांव के धन्नू उर्फ सिद्धार्थ तिवारी पर पड़ोसी ने अपनी आठ साल की बालिका से रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। 29 मई को पुलिस ने आरोपी धन्नू उर्फ सिद्धार्थ तिवारी का चालान कर दिया। चार जून को धन्नू उर्फ सिद्धार्थ तिवारी के पिता ने थाने में जहर निगल लिया था, जिससे उनकी मौत हो गई। पांच जून को उनका शव लोंहदा गांव के बाहर रखकर हाईवे जाम किया गया। सिराथू चौकी प्रभारी की तहरीर पर सवर्ण आर्मी के जिलाध्यक्ष समेत 10 नामजद व 30 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। दुष्कर्म के आरोप से बालिका के मुकरने के बाद 11 जून को रेप और पॉक्सो की धारा हटाए जाने पर धन्नू उर्फ सिद्धार्थ तिवारी को जमानत मिल गई।
पीड़ित परिवारों से मिलने अकेले जाने को तैयार, लेकिन रोका गया
एयरपोर्ट से सर्किट हाउस लाए जाने के बाद चंद्रशेखर ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि पुलिस ने यहां लाने के दौरान पीड़ित परिवारों से मिलवाने का आश्वासन दिया था। एयरपोर्ट से उतरते ही कानून व्यवस्था का हवाला देकर कौशाम्बी जाने से रोका। पुलिस को यह भी कहा कि काफिले के साथ नहीं जाएंगे। सांसद होने के नाते कानून व्यवस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता। पीड़ित परिवारों से मिलने अकेले जाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस जाने नहीं दिया।
प्रयागराज को न्याय की धरती बताते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि लोग यहां फरियाद लेकर आते हैं और उनको पीड़ित परिवारों से मिलने से रोका जा रहा है। कौशाम्बी की दुष्कर्म पीड़िता की मां ने उनसे फोन पर बात की। पीड़िता की मां बुला रही है, लेकिन जाने नहीं दिया जा रहा है। धरने पर बैठने के सवाल पर कहा कि अपनी मांग मंगवाने के लिए बैठे हैं। पीड़ित परिवारों के लिए आवाज उठाने के लिए मजबूर होकर यहां आए।