कथावाचक की जाति पूछकर सिर मुंड़वाने के मामले में नया मोड़, यजमान महिला ने लगाए छेड़छाड़ के आरोप
इटावा में जाति पूछकर भागवत कथा करने वाले आचार्यों के सिर मुंड़वाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। यजमान महिला ने कथावाचक पर अब छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया है। सोमवार को गैरब्राह्मण होने के कारण दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था।

इटावा में बकेवर के दांदरपुर गांव में भागवत कथा सुनाने आए भागवताचार्यों के ब्राह्मण न होने पर सिर मुंड़वाने, नाक रगड़वाने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। पीड़ित मुकुटमणि यादव की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के बाद मुख्य यजमान की पत्नी ने भागवताचार्यों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। मंगलवार को एसएसपी को शिकायती पत्र देकर उन्होंने कहा कि भागवताचार्य गलत तरीके से छूते थे। विरोध करने पर खुद को सपा मुखिया का रिश्तेदार बताकर धमकी देते थे। एसएसपी ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उधर, इस विवाद के बाद भागवत कथा स्थगित कर दी गई है।
गांव में 21 जून से 27 जून तक भागवत कथा का आयोजन किया गया था। पहले दिन कलश यात्रा निकाली गई थी। भागवत कहने के लिए मुकुटमणि, उनके सहयोगी संत सिंह यादव व नाल वादक श्याम सिंह कठेरिया आए थे। आरोप है कि सोमवार को कथा के दौरान गांव के कुछ लोगों ने उनसे जाति पूछी। उनके ब्राह्मण न होने पर मुकट मणि व संत सिंह के सिर के बाल मुंड़वाए गए व नाक रगड़वाई गई।
इसके बाद पीड़ितों ने सपा सांसद जितेंद्र दोहरे के साथ पहुंचकर पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने भागवताचार्य संत सिंह यादव की तहरीर पर चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इस घटना के बाद मंगलवार को मुख्य यजमान जयप्रकाश तिवारी अपनी पत्नी व ब्राह्मण समाज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे की अगुवाई में एसएसपी से मिले।
एसएसपी से मिलकर महिला ने भागवताचार्यों पर गलत तरीके से छूने के आरोप लगाए। मुख्य यजमान ने आरोप लगाया कि भागवताचार्यों ने अपने को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का रिश्तेदार बताया और धमकी दी। इस वजह से उन्होंने पुलिस से शिकायत नहीं की थी। उधर, चर्चा है कि पुलिस ने भागवत को स्थगित करा दिया। हालांकि पुलिस का कोई अधिकारी इस बात को स्वीकार नहीं कर रहा है। गांव वालों ने बताया कि नए व्यास सुखदेव मिश्रा ने सोमवार को कथा सुनाई थी, लेकिन मंगलवार सुबह उन्होंने कथा सुनाने से मना कर दिया और चले गए।
नारेबाजी कर भागवताचार्यों पर कार्रवाई की मांग
ब्राह्मण समाज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे के नेतृत्व में जब मुख्य यजमान एसएसपी कार्यालय में जाकर शिकायती पत्र दे रहे थे, उसी समय कुछ लोग बाहर हंगामा कर रहे थे। उनका कहना था कि जाति छिपाकर कथित भागवताचार्यों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का काम किया है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।
इटावा एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव के अनुसार दांदरपुर की घटना में कुछ लोगों ने आकर मुलाकात की है। भागवताचार्यों पर आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र दिया है। आरोपों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गांव से पुरुष गायब, आधा दर्जन घरों में ताला
भागवत कथा कहने आए भागवताचार्यों के साथ अभद्रता और उसके बाद चार लोगों की गिरफ्तारी से पूरे गांव में दहशत का माहौल है। गांव में युवा व पुरुष नजर नहीं आ रहे हैं। केवल महिलाएं ही गांव में हैं। हालांकि उन्होंने भी चुप्पी साध रखी है। बता दें भागवताचार्यों की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के बाद पुलिस ने आशीष तिवारी, उत्तम अवस्थी, प्रथम दुबे उर्फ मनु दुबे, निक्की अवस्थी को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
इस वजह से ही गांव के पुरुष डरे हुए हैं। रात को ही बड़ी संख्या में लोग घर छोड़कर चले गए। पूरे गांव में मंगलवार सुबह से सन्नाटा रहा। बताया जा रहा कि सोमवार की रात में रात में पुलिस ने कुछ लोगों की तलाश में छापा मारा था। करीब आधा दर्जन घरों में ताले लटक रहे हैं।
भागवत क्यों बंद हुई, कोई बताने को तैयार नहीं
सात दिन तक चलने वाली भागवत में पहले ही दिन भागवताचार्यों से अभद्रता की गई थी। तीसरे दिन सोमवार को सपा नेताओं के साथ भागवताचार्यों ने एसएसपी से शिकायत की थी। इसके बाद नये व्यास सुखदेव मिश्रा ने कथा सुनाई थी, लेकिन कथा में गिनती के लोग ही पहुंचे थे। मंगलवार सुबह से ही भागवत न होने की चर्चा होने लगी और दोपहर में टेंट व साउंड वाले अपना सामान समेटने लगे।
साउंड वाले अनिल ने बताया कि हरसिंहपुर जालौन के रहने वाले रामस्वरूप बाबा ने बुक किया था, अब उन्होंने ही कह दिया कि भागवत नहीं होगी, सामान ले जाओ। गांव का कोई भी व्यक्ति भागवत स्थगित होने का कारण स्पष्ट नहीं बता रहा है। कोई कह रहा है कि पुलिस ने बंद करा दी तो कोई कह रहा है कि व्यास चले गए, इसलिए बंद हो गई। कोई कह रहा है कि चंदा नहीं होने के कारण भागवत बंद कर दी गई।