पीडीए वाले कथा सुन सकते हैं तो सुना क्यों नहीं सकते? अखिलेश बोले- कथावाचक कानून भी बना ले सरकार
यूपी के इटावा में कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि PDA वाले भागवत कथा सुन सकते हैं तो सुना क्यों नहीं सकते? अखिलेश ने काह कि सरकार कथावाचक पर कानून बना ले।

यूपी के इटावा में कथावाचक के साथ बदसलूकी के मामले में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। बड़े आंदोलन की चेतावनी के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ में प्रेस वार्ता कर सरकार पर हमला बोला है। सपा मुखिया अखिलेश ने कहा कि समाज में इटावा जैसी घटनाएं हो रही है, भाजपा ऐसी घटनाएं होने देना चाहती है। यह सरकार हार्टलेस है। इस सरकार में बैठे लोग पीडीए को सहन नहीं कर पा रहे है। भगवत कथा सबके लिए है। सब सुन सकते हैं तो बोल क्यों नहीं सकते है।भागवत कथा कौन कह सकता है। इस पर भी सरकार कानून बना ले।
अखिलेश यादव ने कहा कि भगवत कथा तो श्री कृष्ण से जुड़ी है। यह वर्चस्ववादी लोग अपना एकाधिकार समझते है। यह लोग तय कर लेते कि पीडीए समाज से दान, चंदा कभी स्वीकार नहीं करेंगे। इन लोगों पर भाजपा सरकार का साथ मिला हुआ है। देश की राष्ट्रपति भी हेय दृष्टि का सामना कर चुके है।
सपा प्रमुख ने कहा कि अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार में बैठे लोग अन्याय करवा रहे हैं । भगवत कथा सबके लिए है । जब सब सुन सकते हैं तो सब बोल क्यों नहीं सकते हैं। प्रभुत्व वादी और वर्चस्ववादी लोगों को फिर पीडीए से चढ़ावा और चंदा नहीं लेना चाहिए। भाजपा जाए , हम सबको चैन आए। अखिलेश ने भागवत कथा में अपमानित हुय लोगो को मंच पर बुलाया। उन्होंने भागवत कथा सुनाई। इटावा के कथावाचक को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सम्मानित किया । 51-51 हज़ार भी दिए।
इससे पहले इटावा में कथावाचक की जाति पूछने और बाल कटवाने के मुद्दे पर सपा प्रमुख अखिलेश ने सोमवार रात को तीखे तेवर अपनाते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई। हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुद्ध किया गया अपराध है। सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज़ किया जाए। अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे। ‘पीडीए’ के मान से बढ़कर कुछ नहीं! उन्होंने इससे संबंधित एक वीडियो भी शेयर किया है।