ओटीएस में चूक गए तो कोई बात नहीं, यूपी में बिजली बिल डिफॉल्टरों को एक मौका; जानें डिटेल
तमाम ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्होंने ओटीएस के तहत रजिस्ट्रेशन तो करवा लिया था, लेकिन किस्तें जमा नहीं की थीं। इन्हें डिफॉल्टर सूची में डाल दिया गया था। उन्हें बकाये पर ज्यादा अधिभार जमा करना पड़ रहा था। डिफॉल्टर सूची से बाहर आने के लिए उपभोक्ताओं को दोबारा पंजीकरण नहीं करवाना होगा।

One-time settlement plan: यह खबर उत्तर प्रदेश के उन बिजली उपभोक्ताओं के बहुत काम की है जिनके सिर पर बिजली बिल बकाए का भारी बोझ है। यदि आप वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिजली विभाग द्वारा लाई गई एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) का लाभ उठाने से चूक गए हैं तो कोई बात नहीं। बिजली निगम डिफॉल्टरों को एक और मौका देगा। अधिभार के तौर पर लगाए जा रहे जुर्माने को वे ओटीएस में मिल रही छूट का 10% या 1000 रुपये, जो ज्यादा हो अतिरिक्त जमा कर के इस सूची से बाहर आ सकेंगे। उन्हें यह मौका मंगलवार से 31 जुलाई तक मिलेगा। कॉरपोरेशन ने आदेश जारी कर दिए हैं।
पावर कॉरपोरेशन एमडी पंकज कुमार ने बताया कि तमाम ऐसे उपभोक्ता थे, जिन्होंने ओटीएस के तहत पंजीकरण तो करवा लिया था, लेकिन उन्होंने अपनी किस्तें जमा नहीं की थी। इन्हें डिफॉल्टर सूची में डाल दिया गया था। उन्हें बकाये पर ज्यादा अधिभार जमा करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि डिफॉल्टर सूची से बाहर आने के लिए उपभोक्ताओं को दोबारा पंजीकरण नहीं करवाना होगा। अगर इस बार भी उपभोक्ता फिर से डिफॉल्टर हो जाता है तो उसे विलम्बित भुगतान अधिभार में छूट के नाम से फिर वंचित कर दिया जाएगा। इसके अलावा विलंब भुगतान अधिभार में दी गई छूट को बिजली बिल में जोड़ दिया जाएगा।
कॉरपोरेशन टेंडर पोर्टल को गोपनीय रखेगा, उठे सवाल
उधर, पावर कॉरपोरेशन से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण खबर यह है कि वहां टेंडर पोर्टल को पूरी तरह गोपनीय बनाने की तैयारी चल रही है। वह ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति टेंडर न देख सके। इसके अलावा यह भी बाध्यता की जा रही है कि जो भी व्यक्ति पांच लाख रुपये से ज्यादा के टेंडर में हिस्सा लेगा, उसे नॉन डिसक्लोजर एग्रीमेंट (गैर प्रकटीकरण समझौता) करना होगा। सूत्रों के मुताबिक कॉरपोरेशन इसके लिए एनआईसी से बात कर चुका है। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस पर सवाल उठाए हैं। टेंडर पूलिंग की आशंका जताते हुए परिषद ने नियामक आयोग में लोक महत्व याचिका दाखिल की है।
जुलाई में ही टेंडर संभव
सूत्रों के मुताबिक कॉरपोरेशन जुलाई में ही निजीकरण का टेंडर जारी करने की तैयारी कर रहा है। आयोग की आपत्तियों का जवाब तैयार करके कॉरपोरेशन जल्द ऊर्जा विभाग को भेजेगा, जहां से प्रस्तावित मसौदा एक बार फिर आयोग को भेजा जाएगा।