Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Gagan Yadav who was under house arrest for nine hours during Etawah riots, absconded, big negligence in story teller cas

इटावा बवाल में नौ घंटे नजरबंद रहा गगन यादव फरार, कथावाचक कांड में बड़ी लापरवाही

इटावा में भागवताचार्यों से अभद्रता मामले में इटावा के बकेवर थाने और दांदरपुर गांव में हुए उपद्रव में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिस गगन यादव को पुलिस ने नौ घंटे नजरबंद रखा अब वह फरार है। बकेवर आने से पहले ही पुलिस ने आगरा के एत्मादपुर में गगन को नजरबंद किया था।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, इटावा, संवाददाताFri, 27 June 2025 09:03 PM
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इटावा बवाल में नौ घंटे नजरबंद रहा गगन यादव फरार, कथावाचक कांड में बड़ी लापरवाही

भागवताचार्यों से अभद्रता मामले में गुरुवार को बकेवर थाने और दांदरपुर गांव में हुए उपद्रव के जिम्मेदार गगन यादव को भी नामजद किया गया है। पुलिस ने फरार गगन की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन उसके भाग जाने में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। दरअसल, बुधवार को यादव समाज के युवाओं से दांदरपुर पहुंचने का आह्वान करने वाला गगन यादव भी मेरठ से यहां आने के लिए गुरुवार तड़के निकला था। इसकी भनक लगने पर पुलिस ने उसे आगरा जिले के एत्मादपुर में रोक लिया था। जसवंतनगर की सीओ आयुषी सिंह और एत्मादपुर थाने की पुलिस ने एक होटल में उसे नौ घंटे (सुबह चार बजे से दोपहर एक बजे तक) तक नजरबंद रखा था।

सीओ आयुषी सिंह ने खुद बताया कि एक बजे के बाद वह मेरठ के लिए रवाना हो गया था। उधर उपद्रवी सुबह 11 बजे से ही पहुंचने लगे थे। पुलिस पर पथराव व झड़प दोपहर एक बजे के बाद ही शुरू हो गई थी। दोपहर तीन बजे तक उपद्रव किया था। ऐसे में पुलिस पहले ही सजग हो जाती तो अब उसकी गिरफ्तारी के लिए भटकना न पड़ता।

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यादव समाज के युवाओं में गगन की अच्छी पैठ

उपद्रव के लिए युवाओं को उकसाने वाला गगन यादव मेरठ का रहने वाला है और वह इंडियन रिफार्म्स आर्गेनाइजेशन का संस्थापक है। अहीर रेजीमेंट के गठन की मांग को लेकर चलाए जाने वाले अभियानों में भी सक्रिय रहता है। यादव समाज के युवाओं में गगन की अच्छी पैठ मानी जाती है।

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पुलिस की इन चार लापरवाहियों ने उपद्रव को दी हवा

1. गगन यादव के ऐलान को हल्के में लेना

भागवताचार्यों के साथ हुई अभद्रता के बाद एक महिला की तहरीर पर उनके खिलाफ ही बुधवार रात को रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इस वजह से यादव समाज के लोगों में गुस्सा और बढ़ गया था। इधर, गगन यादव ने 26 जून को समाज के लोगों से बकेवर पहुंचने का आह्वान कर दिया था। इसके बाद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और डेढ़ हजार से अधिक युवाओं से निपटने के लिए महज दो थानों की पुलिस सक्रिय की गई थी।

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2. कम फोर्स से हालात काबू करने की गलती

दांदरपुर गांव में युवाओं का बड़ा हुजूम चोटी काटने वालों को सबक सिखाने के नारे लगाते हुए बकेवर थाने के सामने प्रदर्शन करता रहा। पुलिस ने ध्यान नहीं दिया और यहां से लोग दांदरपुर की ओर बढ़ गए। गांव के बाहर भरथना व बकेवर थाने की पुलिस ही थी। सीओ भरथना अतुल प्रधान ने रोकने का प्रयास किया। लेकिन कम पुलिस फोर्स होने से इन्हें रोक नहीं पाए। बाद में भारी बवाल की सूचना पर एसपी ग्रामीण चार और थानों की पुलिस लेकर पहुंचे थे।

3. भीड़ जुटती रही और पुलिस देखती रही

बड़ी संख्या में लोग बकेवर हाईवे पर भरथना चौराहे के पास एकत्र हो रहे थे। एक घंटे तक ये एक-दूसरे का इंतजार करते रहे। पुलिस ने तब भी सख्ती नहीं की। बड़ी संख्या में एकत्र लोगों ने हाईवे पर जाम लगाया, तब भी पुलिस ने केवल उन्हें भगाया, सख्ती नहीं की। पुलिस उसी समय सख्ती दिखा देती तो उपद्रवी दांदरपुर जाने का साहस न कर पाते। उपद्रवी दांदरपुर पहुंच गए। सीओ ने रोकने का प्रयास किया तो पुलिस से भिड़ गए और पथराव कर दिया।

4. सोशल मीडिया से भी माहौल को नहीं भांप पाई

चार दिनों से सोशल मीडिया पर दो समाज के लोग एक-दूसरे पर टिप्पणी कर रहे हैं। इसको लेकर माहौल बिगड़ता गया। जब एक समाज ने दांदरपुर घटना को करने वालों को सबक सिखाने का आह्वान किया और यह पोस्ट सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई। इस वजह से भी युवाओं का बड़ा हुजूम उपद्रवियों के शक्ल में दांदरपुर पहुंचा था। सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट देखकर ही पुलिस सक्रिय हो जाती तो इतने बड़े उपद्रव को टाला जा सकता था।

भागवताचार्य और यजमान की ओर से दर्ज रिपोर्ट की जांच करेगी झांसी पुलिस

इटावा, संवाददाता। भागवताचार्य और कथा के यजमान की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट की जांच झांसी रेंज पुलिस को सौंपी गई है। दरअसल, भागवताचार्य संत सिंह यादव ने चोटी काटने, मारपीट, बंधक बनाने, अभद्रता करने की 23 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें चार लोगों को जेल भेजा जा चुका है। वहीं कथा के मुख्य यजमान जयप्रकाश तिवारी ने 25 जून को भागवताचार्य मुकुट मणि यादव व संत सिंह यादव के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनवाकर धोखाधड़ी करने और जाति छिपाकर कथा सुनाने आने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने दोनों मसलों की जांच दूसरे जिले की पुलिस से कराने के लिए शासन से अनुरोध किया था। एसएसपी ने बताया कि शासन ने झांसी परिक्षेत्र से जांच कराने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि बकेवर थाने में 26 जून की रात को पुलिस पर पथराव व अन्य धाराओं में दर्ज मुकदमे की जांच जिला पुलिस ही करेगी।

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