Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Every Hindu has the right to Bhagwat Katha Kashi Vidvat Parishad made this demand on Etawah case

भागवत कथा हर हिंदू का अधिकार लेकिन…, इटावा पर काशी विद्वत परिषद ने की यह मांग

इटावा में गैर ब्राह्मण होने के कारण भागवताचार्य से दुर्व्यवहार की काशी विद्वत परिषद ने निंदा की है। परिषद ने कहा है कि भागवत कथा का हर हिंदू को अधिकार है। इसके साथ यह भी कहा कि झूठ बोलकर या जाति छिपाकर कुछ नहीं करना चाहिए।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानThu, 26 June 2025 07:10 PM
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भागवत कथा हर हिंदू का अधिकार लेकिन…, इटावा पर काशी विद्वत परिषद ने की यह मांग

इटावा में गैर ब्राह्मण होने के कारण भागवताचार्य से दुर्व्यवहार को लेकर काशी विद्वत परिषद ने गुरुवार को बैठक बुलाकर इस पर चर्चा की। परिषद के अध्यक्ष पद्मभूषण प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी की अध्यक्षता में उनके आवास पर आयोजित हुई बैठक में सर्वसम्मति से इटावा की घटना की निंदा की गई। यादव होने के कारण कथावाचक के साथ हुई घटना को लेकर कहा कि भागवत कथा का हर हिंदू को अधिकार है लेकिन असत्य से बचना चाहिए। हमारे सनातन हिंदू समाज में यदुवंशियों को अत्यंत ही सम्मानजनक स्थान प्राप्त है। कुछ लोग राजनैतिक लाभ के लिए हिंदुओं को आपस में लड़वाने की कोशिश कर रहे हैं। यह हिंदुओं को आपस में समझना चाहिए। इस तरह की घटनाओं के बाद किसी भी व्यक्ति को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।

परिषद के महामंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि हमारी सनातन परंपरा में पहले भी तमाम ब्राह्मणेतर लोग हुए हैं जिनकी गणना ऋषि तुल्य की गई है। चाहे महर्षि वाल्मीकि हों, चाहे वेदव्यास हों, चाहे रविदास हों, चाहे रैदास हों। सभी लोगों को सनातन परंपरा में सम्मान और आदर प्राप्त हुआ है। भागवत की चर्चा यानी भगवान की चर्चा करने का सभी हिंदुओं को अधिकार है। किसी को भी इस तरह से रोका नहीं जा सकता।

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इसके साथ ही कहा कि दुख इस बात का भी है कि कुछ तथाकथित व्यास लोगों ने व्यास पीठ को हिंदू होते हुए भी समय-समय पर कलंकित करने का कार्य किया है। इससे व्यास पीठ बदनाम हुई है। किसी भी व्यास को वंचना करने का अधिकार नहीं है क्योंकि हम किसी भक्त के घर में व्यास पीठ पर जब बैठते हैं तो विश्वास घात नहीं कर सकते। विश्वास ही श्रद्धा और भक्ति का कारण है। इस विषय पर हम हिंदुओं को आपस में विचार करना चाहिए और हमें अपनी पहचान को छिपाना नहीं चाहिए।

बैठक

हमारे सनातन धर्म में सभी को समान आदर प्राप्त है, अगर हम व्यास पीठ पर हैं और भगवान की कथा कर रहे हैं तो हमें असत्य से बचना चाहिए। जिस तरह से कानून का उल्लंघन किया गया है अगर यह सत्य है तो प्रशासन उसमें संवैधानिक तरीके से कार्यवाही करे और निष्पक्ष जांच करे। जो लोग भी दोषी हों उन पर कार्यवाही हो। समाज को बांटने का कार्य नहीं होना चाहिए। कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए हिंदुओं को आपस में लड़वाने की कोशिश कर रहे हैं, यह हिंदुओं को आपस में समझना चाहिए। आगे इस प्रकार की गलती दोबारा न दोहराई जाए।

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हिन्दू समाज में किसी को अपमानित करने की और अभद्र व्यवहार करने की परंपरा नहीं है। किसी की जाति विशेष को लेकर सामूहिक गाली गलौज नहीं होना चाहिए। अगर किसी एक व्यक्ति ने जिस किसी रूप में कोई गलती की है तो संविधान के दायरे में भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए विधि सम्मत कार्यवाही पर विश्वास रखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम काशी विद्वत परिषद की ओर से इस घटना की निंदा करते हैं और हिन्दू सनातन धर्मावलंबियों से आग्रह करते हैं कि आपस में ऊंच-नीच जातिभेद से ऊपर उठकर सद्भावना और समरसतापूर्ण वातावरण में आध्यात्मिक एवं राष्ट्रीय चेतना का विकास करे। जिससे हमारा राष्ट्र विश्व गुरु के पद पर सुशोभित हो। हमारे शास्त्रों में आपस में घृणा, द्वेष, ईर्ष्या, भेदभाव करने का स्थान नहीं है।

बैठक में प्रोफेसर रामकिशोर त्रिपाठी, प्रोफेसर रमाकांत पाण्डेय, प्रोफेसर विनय कुमार पाण्डेय, प्रोफेसर हर प्रसाद दीक्षित, डॉक्टर दिव्या चैतन्य ब्रह्मचारी, प्रोफेसर विवेक कुमार पाण्डेय आदि विद्वान सम्मिलित रहे।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि इटावा में गैर ब्राह्मण होने के कारण भागवताचार्य की चोटी काटकर सिर मुंडवा दिया गया था। उन पर पेशाब का छिड़का गया था और यजमान महिला के पैरों पर नाक रगड़वाया गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया। दोनों भागवताचार्यों के यादव और जाटव होने के कारण सपा ने इसे मुद्दा बनाया और अगले दिन दोनों भागवताचार्य को लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया।

इस पर राजनीति गरमाई तो नया मोड़ आ गया। यजमान महिला ने भागवताचार्य पर छेड़छाड़ का आरोप लगाकर केस कर दिया। भागवताचार्यों पर जाति छिपाने का भी आरोप लगाते हुए केस कर दिया गया। इसी केस को लेकर यादव समाज भी आक्रोशित हो गया और गुरुवार की दोपहर इटावा में बवाल हो गया। पुलिस पर पथराव हुआ तो फायरिंग भी हुई और कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई।

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