Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Devotee secretly donated 175 kg gold worth Rs 150 crore for Ayodhya Ram temple

अयोध्या राम मंदिर को 175 किलो सोना का 'महादान', श्रद्धालु ने 150 करोड़ का गोल्ड गुप्तदान में दिया

अयोध्या राम मंदिर में देश-विदेश से तमाम लोग दिल खोलकर दान कर रहे हैं। मुंबई के एक शख्स ने 175 किलो सोने गुप्तदान दिया है। इस सोने की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये है। इस सोने से राम मंदिर के दरवाजे-चौखट लगाए गए हैं।

Pawan Kumar Sharma कमलाकान्त सुन्दरम, अयोध्याTue, 24 June 2025 05:11 PM
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अयोध्या राम मंदिर को 175 किलो सोना का 'महादान', श्रद्धालु ने 150 करोड़ का गोल्ड गुप्तदान में दिया

अयोध्या राम मंदिर में देश-विदेश से तमाम प्रमुख हस्तियों, उद्योगपतियों और आम जनता ने दिल खोलकर दान कर रहे हैं। इसमें कुछ नाम खास तौर पर चर्चा में रहे हैं जिन्होंने बड़ी रकम दान की। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने गुप्त दान किया है। खबरों के मुताबिक महाराष्ट्र के मुंबई में के रहने वाले एक उद्यमी ने 175 किलो सोना (करीब 150 करोड़ रुपये) गुप्तदान किया है। इससे मंदिर के दरवाजे-चौखट लगाए गए हैं।

राम मंदिर में धन के साथ स्वर्ण समर्पण (दान) करने वाले श्रद्धालुओं की लंबी श्रृंखला है लेकिन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने उसी श्रद्धालु का समर्पण प्राप्त किया है जिन्होंने अपना समर्पण गोपनीय रखने की पहली शर्त को स्वीकार की। ऐसे ही मुम्बई के एक उद्यमी श्रद्धालु ने राम मंदिर में करीब 175 किलो स्वर्ण का समर्पण किया है जिसमें तकरीबन 150 करोड़ रुपये का सोना है। इस स्वर्ण को राम मंदिर के शिखर-कलश से लेकर दरवाजे-चौखट तक लगाया गया है। राम मंदिर के शिखर समेत परकोटे के सभी छह मंदिरों में के शिखर-कलश को स्वर्ण मंडित कर दिया गया है लेकिन शेषावतार मंदिर के शिखर को स्वर्ण मंडित करने का काम अभी चल रहा है।

इसका खुलासा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आमंत्रित सदस्य व मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने किया। उन्होंने यह चर्चा एक श्रद्धालु की ओर से निर्माणाधीन प्रेक्षागृह के लिए दस करोड़ समर्पित करने के एवज में नामकरण की अपेक्षा पर की। उन्होंने कहा कि जिस श्रद्धालु ने 175 किलो सोना समर्पित किया, उसका तो नाम ही नहीं है तो भला दस करोड़ दान करने वाले श्रद्धालुओं को यह सुविधा कैसे दी जा सकेगी। वैसे भी राम मंदिर में दस करोड़ या उससे अधिक राशि का दान करने वालों की संख्या सैकड़ों में है। यहां सबसे पहले दस करोड़ दान करने का ऐलान महावीर मंदिर ट्रस्ट पटना के तत्कालीन सचिव व पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल ने की थी और उन्होंने यह धनराशि दो-दो करोड़ प्रति वित्तीय वर्ष के अनुसार बीते पांच सालों में तीर्थ क्षेत्र की समर्पित की थी। उन्होंने राम मंदिर के पूरे गर्भगृह को भी स्वर्ण मंडित कराने की अनुमति तीर्थ क्षेत्र से मांगी थी लेकिन तीर्थ क्षेत्र इसके लिए राजी नहीं हुआ।

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रामलला के पास पहले मौजूद हैं सोने-चांदी के आभूषण व पात्र

राम मंदिर विवाद का पटाक्षेप 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हुआ और सुप्रीम फैसले से ही केंद्र सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की। इसके साथ तीर्थ क्षेत्र को श्रीराम जन्मभूमि की अधिग्रहीत 70 एकड़ भूमि भी सुपुर्द कर दी। इसके साथ ही तीर्थ क्षेत्र को रामलला की चल-अचल संपत्ति भी अंतरित कर दी गयी। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में श्रीराम जन्मभूमि के तत्कालीन रिसीवर/मंडलायुक्त ने लिखित रूप में रामलला के सोने -चांदी के आभूषणों के अलावा बैंकों में जमा धनराशि का भी अंतरण कर दिया था। यद्यपि कि इन आभूषणों की वास्तविक नाप-तोल को न तो सार्वजनिक किया गया और न ही जमा धनराशि का ही लेखा-जोखा ही सार्वजनिक हुआ।

तीर्थ क्षेत्र ने राम मंदिर निर्माण के लिए 42 दिन का जो समर्पण अभियान चलाया था, उसके बारे में जरूर बताया गया था कि इस अभियान में करीब साढ़े तीन हजार करोड़ की धनराशि एकत्र हुई थी। इन धातुओं का समर्पण करने के लिए तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र में काउंटर बनाए गये है।

50 करोड़ का सोना मंदिर के शिखर -कलश पर लगा

राम मंदिर में दूसरे प्राण-प्रतिष्ठा का उत्सव तीन जून से लेकर पांच जून तक चला था। इस दौरान राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार व शेषावतार मंदिर के अलावा परकोटे के सभी छह मंदिरों में अलग-अलग देवी-देवताओं की प्रतिष्ठा की गयी। इस दौरान मंदिर के शिखर -कलश को स्वर्ण मंडित करने का काम जारी था। इसी सिलसिले में भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने एक सवाल के जवाब में बताया था कि राम मंदिर में कितना सोना लग रहा है, इसका विवरण पूरी तरह मिल नहीं पाया है। फिर भी अनुमान है कि 50 करोड़ का सोना लग गया है। फिलहाल राम मंदिर व पूरक मंदिरों को मिलाकर कुल 175 किलो सोने का उपयोग हो गया है।

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