राम मंदिर के पुजारियों की भर्ती के लिए फिर से होगा प्रशिक्षण, आवास के साथ मिलेगी छात्रवृत्ति की सुविधा
राम मंदिर में राम दरबार व शेषावतार सहित आठ मंदिरों की संख्या बढ़ गयी है। इसके अलावा अस्थाई मंदिर व कुबेर टीला पर कुबेरेश्वर महादेव को लेकर दस मंदिर हो चुके हैं। इनमें सप्त मंडपम व गोस्वामी तुलसीदास महाराज के मंदिर को भी शामिल करें तो यह संख्या 18 हो जाएगी।

राम मंदिर में राम दरबार व शेषावतार सहित आठ मंदिरों की संख्या बढ़ गयी है। इसके अलावा अस्थाई मंदिर व कुबेर टीला पर कुबेरेश्वर महादेव को लेकर दस मंदिर हो चुके हैं। इनमें सप्त मंडपम व गोस्वामी तुलसीदास महाराज के मंदिर को भी शामिल करें तो यह संख्या 18 हो जाएगी। इसके विपरीत राम मंदिर में कुल 20 पुजारी ही कार्यरत हैं जो कि पांच जून को आठ मंदिरों में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा के पहले रामलला की सेवा में कार्यरत थे। पांच जून के बाद सुबह-शाम व अपराह्न पूजन एवं भोग के लिए 20 पुजारियों में से ही सुबह-शाम की अतिरिक्त ड्यूटी लगाई गई है। फिलहाल तीर्थ क्षेत्र ने नये पुजारियों की भर्ती शुरू करने के लिए पुजारी प्रशिक्षण योजना के अन्तर्गत दूसरा बैच शुरू करने की तैयारी की है।
राम मंदिर निर्माण के प्रभारी एवं विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त मंत्री गोपाल राव का कहना है कि मंदिरों की संख्या बढ़ने के बाद पुजारियों की नियुक्ति जरूरत बन गयी है। इसके लिए पुन: प्रशिक्षण योजना शुरू की जाएगी जो कि अगले महीने से शुरू होगी। इस प्रशिक्षण के पहले प्रशिक्षुओं के चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए इच्छुक प्रशिक्षुओं से आवेदन मांगे गये हैं। उन्होंने बताया कि आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून तय की गयी है। इसके पहले ऑनलाइन आवेदन की सुविधा के लिए 26 जून को वेबसाइट खुल जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि प्रशिक्षुओं की अर्हता की दृष्टि से उन्हें पांच वर्ष गुरुकुल शिक्षा का अनुभव होना अनिवार्य किया गया है।
पहले बैच के प्रशिक्षुओं को दो हजार प्रति माह दी गयी छात्रवृत्ति
मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने बताया कि छह महीने के प्रशिक्षण के लिए चयनित अभ्यर्थियों को आवास एवं भोजन की सुविधा के साथ ही प्रतिमाह छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। उन्होंने छात्रवृत्ति की धनराशि के बारे में कुछ नहीं बताया। फिलहाल पहले बैच के चयनित प्रशिक्षुओं को दो हजार प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जा रही थी। इस बार यह छात्र वृत्ति बढ़ सकती हैं। इसका कारण है कि एक माह के प्रशिक्षण के बाद इन प्रशिक्षुओं को प्रायोगिक प्रशिक्षण के अन्तर्गत रामलला के अतिरिक्त राम दरबार व शेषावतार मंदिर सहित आठ मंदिरों में पूजा-अर्चना इन्हीं प्रशिक्षुओं से करायी जाएगी।