शातिर को पहले भगाया, फिर फोर्स लेकर पकड़ने का रचाया ड्रामा; दरोगा की कारस्तानी CCTV में कैद
कानपुर पुलिस की एक हैरान कर देने वाली करतूत सामने आई है। जहां दरोगा सिपाही के साथ एक बदमाश को पकड़ने पहुंचे। हालांकि दबिश देने से पहले मुखबिरी की। पहले उसे भगाया। फिर फोर्स के साथ नाटकिय ढंग से उसे पकड़ने पहुंच गए। हालांकि इससे पहले बदमाश फरार हो गया।

यूपी की कानपुर पुलिस के कारस्तानी सामने आई है। जहां दरोगा कांस्टेबल के साथ एक बदमाश को पकड़ने पहुंचे। हालांकि दबिश देने से पहले मुखबिरी की। पहले उसे भगाया। फिर दरोगा ने फोर्स के साथ नाटकिय ढंग से उसे पकड़ने पहुंच गए। लेकिन शातिर ने होशियारी दिखाते हुए वहां से पहले ही भाग निकला। वहीं, ये घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। उधर जब इस मामले की भनक आला अफसरों को चली तो उन्होंने दरोगा और कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये मामला दीनू गैंग से जुड़ा है। अनूप शुक्ला फरार चल रहा था। चौकी इंचार्ज आदित्य वाजपेई और सिपाही विजय राज बाइक से उसके घर पहुंचे। जहां अनूप शुक्ला पहले से ही एक साथी के साथ ट्राली बैग लेकर खड़ा था। दरोगा आदित्य वाजपेई उसके पास पहुंचकर कुछ कहते हैं इसके बाद इशारा मिलते ही अनूप फरार हो जाता है। यहां तक कि भागते समय अनूप ने दरोगा की तरफ देखकर हाथ भी हिलाया था। इसके बाद दरोगा भारी भरकम फोर्स के साथ दबिश देने पहुंच गए। हालांकि तब तक अनूप मौके से फरार हो गया। यह पूरी घटना एक घर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई।
पुलिस उपायुक्त सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि 12 जून 2025 की एक वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रही है। वीडियो में यह दिख रहा है कि थाना नवाबगंज और कोहना पुलिस की दबिश के दौरान एक आरोपी को मौके से भगाने का प्रयास किया गया। वीडियो के आधार पर प्रथम दृष्टया एक उप निरीक्षक और एक आरक्षी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच सहायक पुलिस आयुक्त, कर्नलगंज को सौंपी गई। जांच में दोनों पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। आरोपी को भगाने में संलिप्तता पाए जाने पर दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले में विधिक प्रक्रिया के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।