फडणवीस ने दावा किया कि उद्धव ने CM रहते हिंदी को अनिवार्य करने वाली रिपोर्ट स्वीकार की थी। अब उद्धव और राज ठाकरे ने हिंदी अनिवार्यता के खिलाफ 5 जुलाई को मुंबई में संयुक्त विरोध प्रदर्शन की घोषणा की।
शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि गठबंधन का फैसला उद्धव और राज ठाकरे ही करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी और का कुछ बोलना अनुचित है।
महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव से पहले कुछ नए सियासी समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे की बातों से तो कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि राज ठाकरे अपने चचेरे भाई उद्धव के साथ हाथ मिलाते हैं या शिंदे-फडणवीस के साथ गठबंधन को तरजीह देते हैं
शिवसेना (UBT) ने मुखपत्र सामना में कहा है कि बीजेपी शासित राज्यों में ही ज्यादा पाकिस्तानी पाए गए हैं। उद्धव सेना ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने पूरे देश को खतरे में डाल दिया है।
पवार परिवार में पावर की जंग कम हुई और एकता स्थापित होती है तो फिर यह बड़ा उलटफेर होगा। इस उलटफेर को यूं भी बल मिला है क्योंकि सुप्रिया सुले का कहना है कि परिवार के तौर पर हमारे रिश्ते कभी खराब नहीं रहे। सुप्रिया सुले के इस अच्छे रिश्तों वाले बयान से भी एकता की अटकलें लग रही हैं।
राउत ने कहा कि गठबंधन की कोई घोषणा नहीं हुई है। फिलहाल भावनात्मक बातचीत जारी है। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि वे (राज और उद्धव) पारिवारिक कार्यक्रमों में मिलते हैं। वे भाई हैं।
उद्धव और राज ठाकरे के बीच सुलह के कयासों को लेकर जब एकनाथ शिंदे से सवाल किया गया। उन्होंने कहा कि आप सरकार के कामकाज के बारे में बात करिए।
उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के में सुलह की खबरों के बीच सुप्रिया सुले ने कहा कि अगर आज बालासाहेब होते तो वह बेहद खुश होते। उन्होंने कहा कि अगर दोनों साथ आते हैं तो इसका दिल से स्वागत होना चाहिए।
महेश मांजरेकर ने सवाल पूछा था कि क्या दोनों ठाकरे बंधु साथ आ सकते हैं। इस पर राज ठाकरे ने कहा, ‘मेरे लिए महाराष्ट्र का हित सबसे अहम है। उसके बाद ही किसी और चीज का स्थान आता है। उसके लिए मैं किसी भी मतभेद को भुलाने और उद्धव ठाकरे के साथ काम करने के लिए तैयार हूं।’