ठाकरे ब्रांड, मराठा ताकत...उद्धव की बातों में कौन सा ‘राज’, भाजपा की बढ़ेगी टेंशन?
महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव से पहले कुछ नए सियासी समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे की बातों से तो कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं।

महाराष्ट्र नगर निगम चुनावों से पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे में गठबंधन के संकेत मिल रहे हैं। इस बात का इशारा खुद उद्धव ठाकरे ने दिया है। शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि वह नगर निगम चुनावों से पहले उनके चचेरे भाई राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ उनकी पार्टी के गठबंधन की संभावना को विफल करने की कोशिश कर रही है। उद्धव ने यह बातें दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा गठित अविभाजित शिवसेना के 59वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक रैली को संबोधित करते कहीं। उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी को चेतावनी दी कि अगर उसने ‘ठाकरे ब्रांड’ को नुकसान पहुंचाया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
भाजपा पर साधा निशानाउद्धव ने कहा कि मराठी दलों के गठबंधन की संभावना को विफल करने के लिए होटलों और अन्य जगहों पर बैठकें की जा रही हैं। वह जाहिर तौर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ राज ठाकरे की शहर के एक पांच सितारा होटल में हाल ही में हुई बैठक का जिक्र कर रहे थे। ठाकरे ने नाना पाटेकर अभिनीत फिल्म ‘प्रहार’ का संवाद दोहराते हुए कहा, ‘लोग जो चाहते हैं, वही होगा। हम देखेंगे कि यह कैसे किया जाता है। भाजपा और एकनाथ शिंदे-नीत शिवसेना नहीं चाहती कि मराठी पार्टियां एकजुट हों। यदि आप ठाकरे ब्रांड को खत्म करने की कोशिश करेंगे, तो हम भाजपा को खत्म कर देंगे। मैं तैयार हूं। मैं भाजपा से कहना चाहता हूं.....जब आप मुझे लेने आएं.....अपने लिए एम्बुलेंस लेकर आएं।’
हिंदी को लेकर यह बोले
अटकलें हैं कि मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों में निकाय चुनाव के मद्देनजर दोनों ठाकरे चचेरे भाई गठबंधन कर सकते हैं। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में हिंदी को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने मुंबई निकाय पर पार्टी का कब्जा बरकरार रहने का भरोसा जताते हुए कहा कि भाजपा निकाय चुनावों की पूर्व संध्या पर मराठी और हिंदी भाषी लोगों के बीच विभाजन पैदा करना चाहती है।
शिंदे सेना पर हमला
उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि भाजपा के पास अपनी कोई विरासत नहीं है। उसे सरदार वल्लभभाई पटेल की एक विशाल प्रतिमा स्थापित करनी पड़ी, जिन्होंने देश का गृह मंत्री रहते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए मुंबई को अदाणी समूह को ‘मुफ्त’ में दे रही है। ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली प्रतिद्वंद्वी शिवसेना की रैली को ‘चोरों का जमावड़ा’ भी करार दिया।