शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए इस पावन दिन भगवान शंकर का गंगा जल से अभिषेक करें और श्री रुद्राष्टकम का पाठ करें।
shani sade sati 2025 meen Rashi hindi: शनि मीन राशि में जुलाई में वक्री होने वाले हैं, और राहु भी 12वें घर में मौजूद है, ऐसे में शनिदेव अगले 6 महीनों पर इस राशि पर क्या प्रभाव दिखाएंगे, यहां पढ़ें मीन राशि के बारे में।
शनि की साढ़ेसाती अभी कुंभ राशि चल रही है। इस राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा फेज खत्म होकर तीसरा फेज चलने वाला है। ऐसे में अगले कुछ महीने कुंभ राशि के लिए कैेसे रहेंगे, और कुंडली में शनि खराब हो तो क्या फल देता है, यहां जानें
यह समझना जरूरी है कि हर किसी को शनि की साढ़ेसाती से नकारात्मक प्रभाव नहीं झेलने पड़ते हैं। यहां हम बता रहे हैं कुछ बातों के बारे में जिन्हें हमें शनि की साढ़ेसाती के समय करने से बचना चाहिए।
शनि के राशि परिवर्तन करने से किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती है तो किसी राशि से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति पर जीवन में एक न एक बार शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जरूर लगती है।
Shani ke Upay: आज शनि का दिन शनिवार है व कल ज्येष्ठ मास रवि प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। साढेसाती का प्रभाव कम करने और शनि देव की असीम कृपा पाने के लिए शनिवार व रवि प्रदोष व्रत पर करें ये खास उपाय-
हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए प्रदोष व्रत का दिन बेहद खास माना जाता है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
शनि की साढ़ेसाती लगने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है।
इस बार शनि जयंती 27 मई को है। यह ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस दिन शनि साढ़ेसाती वालों को खास उपाय करने चाहिए। यहां हम बता रहे हैं कैसे आप शनि साढ़ेसाती के उपाय सावधानी से करें
Shani Pradosh Vrat Date: शनि प्रदोष व्रत के दिन बेहद शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जो इस दिन को खास बना रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ उपाय करने से शनि देव की साढ़ेसाती व ढैय्या के बुरे प्रभावों को भी कम किया जा सकता है।