बिहार में मतदाताओं के घर-घर जाकर हो रहे सर्वे पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। इस बीच डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने आरजेडी और कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि ये लोग बांग्लादेशियों की भाषा बोलने लगे हैं।
बिहार की राजनीति में परिवारवाद सिर्फ लालू यादव, चिराग पासवान या जीतन राम मांझी तक सीमित नहीं है। राज्य के कोने-कोने में पहले खुद, फिर बीवी या बच्चे और रिश्तेदारों को सांसद-विधायक बनाने वाले नेता फैले हुए हैं।
सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार में अपनी पार्टी की 45 विधासनभा सीटों पर तैयारी की बात दोहराई। उन्होंने महागठबंधन की सरकार बनने पर तेजस्वी यादव के ही सीएम बनने की बात भी कही। साथ ही सहयोगी कांग्रेस पर तंज भी कसा।
महागठबंधन की चौथी बैठक में मुकेश सहनी ने तेजस्वी यादव के सामने सीट शेयरिंग का मुद्दा उठाया। वहीं वाम दल सीपीआई ने अपने सहयोगी सीपीआई-माले के सीटों वाले दावे पर नाराजगी जाहिर करते हुए शिकायत की।
बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन में 2020 के फॉर्मूले पर ही सीटों का बंटवारा किया जाएगा। 15000 से ज्यादा अंतर से हारी सीटों की समीक्षा करके वहां उम्मीदवार या सिंबल बदले जाएंगे।
इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग के मुद्दे पर महागठबंधन की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी। तेजस्वी यादव ने गुरुवार को गठबंधन की चौथी बैठक में सभी घटक दलों से सीटों का ब्योरा मांगा।
सिताब दियारा से 15 दिन पहले यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर हर सभा में लोगों से कह रहे हैं कि बिहार में बदलाव जरूरी है, नीतीश कुमार को हटाना जरूरी है, पीएम नरेंद्र मोदी कहें तो भी उनको वोट नहीं देना है। लेकिन भाजपा के वोट पर चोट से फायदा किसे होगा?
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और राजद-कांग्रेस महागठबंधन के बीच अलायंस की बात बन गई तो बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है।
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन के दोनों प्रमुख दल में मीठी खींचतान के बीच कांग्रेस ने तेजस्वी यादव की माई बहिन मान योजना का अपनी तरफ से भी वादा करते हुए रजिस्ट्रेशन के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया है।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के मद्देनजर भाजपा की तिरंगा यात्रा का राजद नेता तेजस्वी यादव ने विरोध किया है और कहा है कि सुरक्षा बलों को कभी भी राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए।