असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्दों को संविधान से हटा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि ये शब्द इंदिरा गांधी के समय में शामिल किए गए थे और भारतीय संस्कृति में इनका...
Assam CM Himanta: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा ने केंद्र सरकार के अपील करते हुए कहा है कि संविधान की प्रस्तावना में से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटा दिया जाना चाहिए। क्योंकि यह कभी भी भारत के मूल संविधान का हिस्सा नहीं थे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने घुसपैठ पर लगाम के लिए एक नई पहल की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार वयस्कों के लिए आधार कार्ड जारी करने के नियमों को सख्त बनाने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, ‘अगर हिंदुओं को एक प्रकार का मांस पसंद नहीं है, तो मुसलमान भी दूसरे प्रकार को पसंद नहीं करते। यदि मंदिरों के सामने गोमांस फेंका जाता है, तो वे तब क्या करेंगे जब मस्जिदों के सामने सूअर का मांस रखा जाएगा?’
गुवाहटी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने आरोप लगाया है कि इस्लामिक देशों से लगभग 5000 सोशल मीडिया खाते कांग्रेस के समर्थन में सक्रिय हो गए हैं। इन खातों में अधिकांश बांग्लादेश और पाकिस्तान से...
इस बीच, असम पुलिस ने इन सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच शुरू कर दी है। CM ने कहा कि 10 सितंबर को SIT अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, जिसमें गोगोई और उनकी पत्नी एलिजाबेथ से संबंधित दावों के बारे में और जानकारी दी जाएगी।
तनाव को देखते हुए तेज कार्रवाई बल (RAF) और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) को इलाके में तैनात किया गया है। पहले लागू की गई धारा 144 को अस्थायी रूप से हटाया गया था, लेकिन हालात को देखते हुए सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है।
धुबरी मजिस्ट्रेट कॉलोनी और न्यू मार्केट के पास कुछ असामाजिक तत्वों ने सब्जी विक्रेताओं और ई-रिक्शा चालकों पर हमला कर दिया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हालात पर काबू पाया।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा उन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए कई देशों का दौरा किया था।
एनआरसी प्रक्रिया और विदेशी ट्रिब्यूनल की प्रणाली ने राज्य सरकार की कार्रवाई को धीमा किया है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और पुराने कानून की पुनः खोज से राज्य सरकार को नया रास्ता मिला है।