फडणवीस ने दावा किया कि उद्धव ने CM रहते हिंदी को अनिवार्य करने वाली रिपोर्ट स्वीकार की थी। अब उद्धव और राज ठाकरे ने हिंदी अनिवार्यता के खिलाफ 5 जुलाई को मुंबई में संयुक्त विरोध प्रदर्शन की घोषणा की।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से जारी एक आदेश के अनुसार, फडणवीस ने मंत्रियों द्वारा प्रस्तावित कुछ निजी सचिवों और ओएसडी की नियुक्तियों को भ्रष्ट या सौदेबाज मानते हुए खारिज कर दिया है।
एक्सप्रेसवे का नाम शक्तिपीठ इसलिए रखा गया है क्योंकि यह महालक्ष्मी, तुलजाभवानी और पत्रादेवी शक्तिपीठ को जोड़ेगा। इसके अलावा पंढरपुर, नांदेड़ और सेवाग्राम जैसे स्थानों को भी इससे जोड़ा जा सकेगा। सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल तख्त सचखंड साहिब नांदेड़ में ही स्थित है।
देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट ने राज्य में 802 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाने को मंजूरी दी है। यह एक्सप्रेसवे वर्धा जिले के पवनार को सिंधुदुर्ग जिले में महाराष्ट्र-गोवा सीमा पर स्थित पात्रादेवी से जोड़ेगा। इसे शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे नाम दिया गया है।
रिपोर्ट सामने आई है कि ईरान ने अमेरिका के हमलों से पहले 400 किलो यूरेनियम छिपा दिया था। इस खबर के बाद अमेरिका और इजरायल ज्यादा सतर्क हो गए हैं। शाम की टॉप 5 खबरें।
एक ओर राहुल गांधी महाराष्ट्र में चुनावी हार को वोटों की चोरी कहकर CCTV फुटेज और डिजिटल वोटर लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर फडणवीस आंकड़ों के जरिए कांग्रेस के दावों को खोखला बता रहे हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लाने का फैसला फिलहाल रोक दिया है। महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं कक्षा के लिए हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर लागू किया जाना था। इसके पीछे विरोध को वजह माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय भाषाएं अंग्रेजी से बेहतर हैं। मैं समझता हूं कि अंग्रेजी संचार की भाषा है, लेकिन एनईपी की वजह से मराठी ज्ञान की भाषा बन गई है। हमने मराठी में इंजीनियरिंग पढ़ाना शुरू किया है।
महाराष्ट्र के स्कूलों में अब हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी किया है। खबर सामने आने के बाद मराठी संगठनों और कांग्रेस ने इस कदम की जमकर निंदा की है।
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल की घोषणा की गई थी। इस दौरान कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जेलों में ठूंस दिया गया था। उन्हीं बंदियों को गौरव योजना के तहत दिए जाने वाले मानदेय को दोगुना किया गया है।