मंत्रियों के स्टाफ पर CM फडणवीस ने कसी नकेल, ऐक्शन की चेतावनी; महायुति में बढ़ी दरार
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से जारी एक आदेश के अनुसार, फडणवीस ने मंत्रियों द्वारा प्रस्तावित कुछ निजी सचिवों और ओएसडी की नियुक्तियों को भ्रष्ट या सौदेबाज मानते हुए खारिज कर दिया है।

महाराष्ट्र की सत्ताधारी महायुति सरकार के भीतर तनातनी और गहराती दिख रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कई मंत्रियों द्वारा निजी सचिव (PS) और विशेष कार्य अधिकारी (OSD) की गैरकानूनी तैनाती को लेकर सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की स्पष्ट हिदायतों के बावजूद कई PS और OSD अब भी अपने पसंदीदा मंत्रियों के साथ कार्य कर रहे हैं, जिसके चलते फडणवीस ने छह ऐसे कर्मचारियों को अनुशासनात्मक नोटिस जारी किए हैं जो आदेशों की अवहेलना कर रहे थे।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से जारी एक आदेश के अनुसार, फडणवीस ने मंत्रियों द्वारा प्रस्तावित कुछ निजी सचिवों और ओएसडी की नियुक्तियों को "भ्रष्ट" या "सौदेबाज" मानते हुए खारिज कर दिया था। इस आदेश में इन कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से उनके मूल विभागों में वापस लौटने का निर्देश दिया गया, अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। फरवरी 2025 में, फडणवीस ने मंत्रियों द्वारा प्रस्तावित 125 नामों में से केवल 109 को मंजूरी दी थी, जिसके बाद से यह मुद्दा गठबंधन के लिए तनाव का कारण बना हुआ है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा विवाद में शिवसेना के मंत्री संजय राठौड़, शंभुराज देसाई, भरत गोगावले और गुलाबराव पाटिल के साथ-साथ एनसीपी के नेता दत्तात्रेय भरने और छगन भुजबल भी शामिल हैं। इन मंत्रियों के PS की नियुक्तियां पहले ही अनियमितताओं के आरोपों के चलते रोक दी गई थीं। सूत्रों का कहना है कि इनमें से कई वर्षों से कार्यरत PS और OSD पर भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप हैं।
विपक्ष का निशाना
विपक्ष ने इस पूरे घटनाक्रम को महायुति गठबंधन के भीतर बढ़ती असहमति का संकेत बताया है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, “यह केवल PS की नियुक्ति का मामला नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि सरकार के भीतर आपसी विश्वास और समन्वय की कमी है। मुख्यमंत्री के आदेशों की खुलेआम अवहेलना हो रही है, जो उनके नियंत्रण की कमजोरी को दर्शाता है।”
विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भी इस मुद्दे को आगामी मॉनसून सत्र में उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट PS और OSD के खिलाफ शिकायतें मिली हैं और सरकार द्वारा जारी नोटिस एक आवश्यक कदम है। वहीं, राज्य के कैबिनेट मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि इस मुद्दे पर पूरी स्थिति की स्पष्टता केवल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही दे सकते हैं।
महायुति में बढ़ता तनाव
महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट), और एनसीपी (अजित पवार गुट) शामिल हैं। यह पहले भी आंतरिक मतभेदों का सामना कर चुका है। हाल ही में, बीजेपी नेता और मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे के एक बयान ने विवाद खड़ा किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि "महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है और देवेंद्र फडणवीस सभी के पिता के रूप में हैं।" इस बयान ने शिवसेना के नेताओं को नाराज कर दिया, जिन्हें लगा कि यह उनके प्रभाव को कम करने की कोशिश है।
इसके अलावा, पुणे में महायुति के सहयोगी दलों- बीजेपी, शिवसेना, और एनसीपी के नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक मंचों पर आलोचना की है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बारामती में एक रैली के दौरान शिवसेना विधायक विजय शिवतारे को निशाना बनाया, जिसके जवाब में शिवतारे ने पवार पर "अहंकार" का आरोप लगाया।