यह बात पाठकों को पता ही है कि मैंने हाल ही में जाति-जनगणना के ईद-गिर्द हो रही बातचीत के संदर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्र के माध्यम से संपर्क किया था। संविधान की नौवीं अनुसूची में बढ़े हुए राज्य आरक्षण कोटा को शामिल करने की मेरी मांग…
देश में जनगणना कराने की अधिसूचना केंद्र सरकार ने जारी कर दी है। 16 जून को जारी अधिसूचना में गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी। मंत्रालय ने सोमवार को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जनगणना…
जनगणना 2027 में छह नए सवाल शामिल होंगे, जो इंटरनेट, स्मार्टफोन, पानी, गैस, वाहन और अनाज के उपयोग पर केंद्रित हैं। यह पहली डिजिटल जनगणना होगी, जो सामाजिक-आर्थिक प्रगति को मापेगी।
भारत में अंतत: जनगणना की अधिसूचना जारी हो गई और इसका स्वागत होना चाहिए। यह वैसे ही काफी देर से हो रही है। जनगणना साल 2021 में होनी चाहिए थी, पर 2025 में अधिसूचना जारी हुई है। अब जनगणना के पहले की तैयारियों को युद्ध स्तर पर पूरा किया जाएगा…
सरकार ने आज जातिगत जनगणना को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर झूठी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सरकार ने अफवाहों पर सावधान रहने को कहा।
लगभग 5 साल के इंतजार के बाद गृह मंत्रालय ने जनगणना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। देश में जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। भारत के 4 राज्यों में जनगणना की प्रक्रिया पहले शुरू होगी। जानिए पूरी बात:
यदि 2026 की अनुमानित जनसंख्या को आधार माना जाए तो लोकसभा की कुल सीटें 848 तक बढ़ सकती हैं, जिसमें अकेले उत्तर प्रदेश की 143 सीटें होंगी जहां वर्तमान में 80 है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मंगलवार को दिल्ली बुलाया गया था, जहां उन्होंने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की।
नीरज कुमार ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 18 सितम्बर 2024 को ही ऐलान कर दिया था कि देश में जातीय जगणना कराई जाएगी। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। कांग्रेस की नीति हमेशा से इसके विरोध की रही है।
सरकार ने घोषणा की थी कि जनगणना-2027 दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसमें जातिगत गणना भी शामिल होगी। यह पहली बार होगा जब 1931 के बाद भारत में व्यापक जातिगत जनगणना की जाएगी।