महागठबंधन के सीएम फेस पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि अगर इंडिया अलायंस को बहुमत मिलता है, तो मुख्यमंत्री राजद से होगा, और तेजस्वी यादव के सीएम फेस को लेकर किसी तरह का कोई कन्फ्यूजन और विवाद नहीं है। हालांकि चुनाव में मुद्दे सर्वोपरि रहेंगे।
बिहार की राजनीति में परिवारवाद सिर्फ लालू यादव, चिराग पासवान या जीतन राम मांझी तक सीमित नहीं है। राज्य के कोने-कोने में पहले खुद, फिर बीवी या बच्चे और रिश्तेदारों को सांसद-विधायक बनाने वाले नेता फैले हुए हैं।
अरवल, निज प्रतिनिधि। जिलाध्यक्ष डॉ धनंजय शर्मा ने सभी नेताओं को अंगवस्त्र व बुके देकर सम्मानित किया। श्रीकृष्ण आश्रम में कांग्रेस पार्टी के अरवल जिले की भू-संपदा की समीक्षा की गई, समीक्षा मे यह बातें...
बिहार कांग्रेस ने भाजपा-जदयू सरकार के खिलाफ 'पोल खोल अभियान' शुरू करने का निर्णय लिया है। प्रेमचंद मिश्रा ने बताया कि इस अभियान के तहत बिहार की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाएगी।...
बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने कहा कि महागठबंधन के सीएम फेस पर कोई कन्फ्यूजन नहीं है। सभी 243 सीटों पर महागठबंधन मजबूती से चुनाव लड़ेगा। महागठबंधन के हर प्रत्याशी को खुद का प्रत्याशी मानकर चुनाव लड़ेंगे।
बिहार चुनाव से पहले नालंदा कांग्रेस में बवाल हो गया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेश प्रसाद अकेला का विरोध होने के बाद दो गुटों के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर गाली-गलौज और हाथापाई हुई। राहुल गांधी के कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष पर पैसे खाकर नीट पेपर लीक के आरोपियों से मिलवाने का भी आरोप लगा है।
सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार में अपनी पार्टी की 45 विधासनभा सीटों पर तैयारी की बात दोहराई। उन्होंने महागठबंधन की सरकार बनने पर तेजस्वी यादव के ही सीएम बनने की बात भी कही। साथ ही सहयोगी कांग्रेस पर तंज भी कसा।
बिहार कांग्रेस ने विधान पार्षदों और विधायकों को विभिन्न जिलों का प्रभारी नियुक्त किया है। प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को उत्तर बिहार और डॉ. शकील अहमद खान को दक्षिण बिहार का प्रभारी बनाया गया है। अन्य...
बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने दावा किया है कि राजद और कांग्रेस के दलित कार्यकर्ता चाहते हैं कि लालू प्रसाद यादव इस मुद्दे पर मांगी मांगें लेकिन उनका परिवार तैयार नहीं है।
बैठक में हाल के दिनों में पार्टी की ओर से चलाए गए आंदोलनों और जनसंवाद अभियान पर भी फीडबैक लिया गया। हर घर झंडा कार्यक्रम को सफल बनाने की रणनीति बनाई गई। इसके अलावा माई-बहिन योजना की जानकारी ज्यादा से ज्यादा महिलाओं के बीच ले जाने की रणनीति बनी।