5 दिन से लापता किसान, परिजन बोले-गलती से बॉर्डर पार कर चला गया पाकिस्तान; पड़ोसी का इनकार
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पड़ोसी पाकिस्तान से रिश्ते बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं। हालांकि, इस बीच पाक ने गलती से बॉर्डर पार करने वाले एक जवान को लौटाया है।

पंजाब के फिरोजपुर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे गांव खैरेके उताड़ का एक युवा किसान पिछले पांच जिनों से लापता है। वह बॉर्डर पर लगे गेट नंबर-223 से अपने खेत में गया था, लेकिन वापस नहीं लौट सका। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पाक रेंजर्स के साथ फ्लैग मीटिंग की तो उनकी तरफ से कहा गया कि पाकिस्तान की सरहद में ऐसा कोई शख्स नहीं आया और उन्हें ऐसी घटना की कोई जानकारी नहीं है। वहीं, लापता किसान के परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे को पाकिस्तानी रेंजर्स उठाकर ले गए हैं और झूठ बोल रहे हैं। 21 जून को लापता होने के बाद से अब तक उसका कोई पता नहीं चल सका है। इससे परिवार परेशान है।
खेती करने दिन में गया था, शाम को नहीं लौटा
गांव खैरेके उताड़ के रहने वाले लापता किसान अमृतपाल सिंह के पिता जगराज सिंह ने बताया कि उनकी साढ़े आठ एकड़ जमीन तारबंदी के भीतर है। वे दो दशकों से भी ज्यादा समय से इस जमीन पर खेती कर रहे हैं। 21 जून को दोपहर 12 बजे उनका बेटा अमृतपाल सिंह खेत में काम करने गया था। फेंसिंग पार की खेती बीएसएफ की निगरानी में होती है। उस तरफ जाने से पहले बीएसएफ किसानों से पहचान पत्र जमा करवाती है और आने-जाने की प्रविष्टि भी रजिस्टर में दर्ज करती है। दिन में अमृतपाल सिंह अपना पहचान पत्र जमा करवा कर गेट नंबर-223 से खेतों में गया था लेकिन शाम को वहां से नहीं लौटा।
खेतों में मिले पाकिस्तान की तरफ जाने के निशान
परिजनों ने लापता अमृतपाल की खोज के लिए बीएसएफ से गुहार लगाई। बीएसएफ जवानों ने फेंसिंग पार खेतों में सर्च अभियान चलाया लेकिन उसका सुराग नहीं मिला। खेतों की मिट्टी में अमृतपाल के पैरों के निशान पाकिस्तान की ओर जाते दिखे हैं। इससे साफ होता है कि वह उस तरफ गया है। 21 जून को बीएसएफ के कमांडेंट स्तर के अधिकारी पाकिस्तान रेंजर्स से संपर्क कर रहे थे, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
अगले दिन शाम 4 बजे भारत-पाक अधिकारियों के बीच फ्लैग मीटिंग हुई। उसके बाद बीएसएफ ने परिवार को सूचित किया कि अमृतपाल पाकिस्तान की तरफ गया है लेकिन पाक रेंजर्स के मुताबिक उन्हें ऐसा कोई शख्स नहीं मिला। बीएसएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल और अन्य सीनियर अधिकारी लगातार पाकिस्तान रेंजर्स से संपर्क में हैं।
फिरोजपुर बॉर्डर से ही BSF जवान भी गलती से पहुंचा था पाकिस्तान
इससे पहले जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था। तब 23 अप्रैल को फिरोजपुर में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बीएसएफ का एक जवान पूर्णम कुमार शॉ गलती से जीरो लाइन पार कर गया था और उसे पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया था। जवान उस जगह पर किसानों पर नजर रख रहा था, जहां वे फसल काट रहे थे। जीरो लाइन बॉर्डर का वह हिस्सा होता है, जहां दोनों देशों की सीमाएं मिलती हैं। इस जगह पर किसानों को खेती करने के लिए स्पेशल परमिशन मिलती है। जब किसान फसल बोते या काटते हैं, तो बीएसएफ के जवान उनकी सुरक्षा के लिए साथ रहते हैं। इन्हें किसान गार्ड भी कहते हैं। हालांकि, पूर्णम कुमार शॉ को 14 मई को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया था।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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