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आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं, एस जयशंकर की दो-टूक; साथ देने के लिए ब्रिटेन को धन्यवाद कहा

भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपना रहा है, उम्मीद है कि हमारे साझेदार इसे समझेंगे। यह बात भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री के साथ बातचीत के दौरान कही।

Deepak लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 7 June 2025 02:55 PM
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आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं, एस जयशंकर की दो-टूक; साथ देने के लिए ब्रिटेन को धन्यवाद कहा

भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपना रहा है, उम्मीद है कि हमारे साझेदार इसे समझेंगे। यह बात भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री के साथ बातचीत के दौरान कही। जयशंकर ने पहलगाम हमले की निंदा करने और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन करने के लिए ब्रिटेन को धन्यवाद दिया। विदेश मंत्री ने कहाकि भारत कभी भी इस बात का समर्थन नहीं करेगा कि अपराध करने वालों को पीड़ितों के समान रखा जाए। इसके साथ ही जयशंकर ने हाल में हुए भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता, दोहरा अंशदान समझौता को मील का पत्थर बताया।

भारत आए हुए हैं ब्रिटिश विदेश मंत्री
गौरतलब है कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी व्यापार के साथ-साथ रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा के लिए शनिवार को भारत की दो-दिवसीय यात्रा पर आए हुए हैं। लैमी ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ व्यापक मुद्दों पर बातचीत की। जयशंकर ने इस दौरान भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते की भी तारीफ की। साथ ही उन्होंने इस समझौते को मील का पत्थर भी बताया है।

सीमा पार आतंकवाद पर हुई बात
जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन के विदेश मंत्री से बातचीत के दौरान पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से फैलाए जा रहे आतंकवाद पर भी बात हुई। बता दें कि पिछले महीने भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के दौरान ब्रिटेन दोनों देशों के संपर्क में था। भारत आने से पहले लैमी 16 मई को दो दिन के लिए इस्लामाबाद भी गए थे। वहां पर उन्होंने सैन्य संघर्ष खत्म करने के लिए दोनों देशों की तारीफ भी की थी।

इससे पहले पांच मध्य एशियाई देशों ने शुक्रवार को भारत के साथ मिलकर 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। साथ ही मांग की कि आतंकवादी कृत्यों के अपराधियों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाए तथा दंडित किया जाए। नयी दिल्ली द्वारा आयोजित भारत-मध्य एशिया वार्ता के चौथे संस्करण में आतंकवाद से निपटने की चुनौती पर प्रमुखता से चर्चा हुई। इसमें कई प्रमुख क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच सहयोग के समग्र स्वरूप को विस्तारित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

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