जयशंकर के बयानों से स्पष्ट है कि भारत का रुख व्यक्तिगत नेतृत्व से अधिक राष्ट्रीय हितों पर आधारित है। उन्होंने यूरोपीय देशों को आतंकवाद के प्रति उदासीनता के खिलाफ चेतावनी भी दी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोपीय संसद के नेताओं से मुलाकात की और मजबूत भारत-ईयू संबंधों के लिए उनके समर्थन का स्वागत किया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ बचाव के भारत के अधिकार को लेकर उनकी समझ की प्रशंसा की।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए थे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों यूरोपीय देशों की यात्रा कर हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि बीते महीने भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़ी थी, जिसे पाकिस्तान ने संघर्ष का रूप दिया। इस दौरान जयशंकर ने चीन को भी संदेश दे दिया है।
भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपना रहा है, उम्मीद है कि हमारे साझेदार इसे समझेंगे। यह बात भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री के साथ बातचीत के दौरान कही।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की ओर से 6-7 मई को पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर हमले का सैन्य अभियान था। इसका कारण 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला रहा, जिसमें 26 नागरिक मारे गए।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमारी सेना ने जिस तरह से पाकिस्तान के मुख्य एयरबेस और डिफेंस सिस्टम पर अटैक किया था, उससे वह घुटने पर आ गया। अंत में पाकिस्तान के ही सैन्य अधिकारियों ने भारत के डीजीएमओ को कॉल किया और सीजफायर की गुहार लगाई। हमारी तरफ से सीजफायर इस तरह से मंजूर हुआ।
चुनाव प्रचार के दौरान भी मार्क कार्नी ने कहा था कि भारत के साथ रिश्तों को फिर से बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कनाडाई लोगों के भारत के साथ गहरे व्यक्तिगत, आर्थिक और रणनीतिक संबंध रहे हैं।
एक्स पर एक पोस्ट में गांधी ने तीन सवाल पूछे। क्या जेजे बताएंगे कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ा गया है? पाकिस्तान की निंदा करने में एक भी देश ने हमारा साथ क्यों नहीं दिया? किसने ट्रम्प से भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए कहा?
जयशंकर ने कहा कि भारत की सुरक्षा चुनौतियां यूरोप के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि इसी स्थिति के चलते हमें सुरक्षा को प्राथमिकता देनी पड़ती है। आज आप समझ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'आपकी (यूरोप) स्थिति दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ही शांतिपूर्ण और स्थिरता वाली रही है।