Hindi Newsदेश न्यूज़Amit Shah skips EPS name for CM reiterates coalition government in Tamil nadu post assembly polls rattling AIADMK

अमित शाह के सस्पेंस और प्लान बी से सहयोगी दल में क्यों मची खलबली, पूर्व CM EPS भी नाराज

तमिलनाडु में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे एक साल पहले यानी इस साल अप्रैल में BJP और AIADMK ने गठबंधन की घोषणा की थी। तब अमित शाह ने कहा था कि अगले साल होने वाला चुनाव EPS के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

Pramod Praveen वार्ता, नई दिल्लीFri, 27 June 2025 02:49 PM
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अमित शाह के सस्पेंस और प्लान बी से सहयोगी दल में क्यों मची खलबली, पूर्व CM EPS भी नाराज

केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के रणनीतिकारों में अहम रोल निभाने वाले अमित शाह की ओर से तमिलनाडु में गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में अन्नाद्रमुक महासचिव ई के पलानीस्वामी (EPS) के नाम का उल्लेख नहीं किए जाने और इसके बावजूद राज्य में एनडीए गठबंधन की सरकार बनाने की बात दोहराने से राज्य के प्रमुख विपक्षी दल और भाजपा के साथी दल AIADMK में बेचैनी का माहौल है।

यह दूसरी बार है, जब गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि आगामी चुनावों के बाद तमिलनाडु में NDA की सरकार बनेगी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी साझेदार होगी। इससे पहले उन्होंने 8 जून को मदुरै में भी पार्टी की कोर ग्रुप बैठक को संबोधित करते हुए इसी तरह का बयान दिया था। करीब एक पखवाड़े के अंदर दूसरी बार इस तरह का बयान देने से AIADMK में खलबली मच गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और AIADMK महासचिव ई के पलानीस्वामी भी अब शाह के ऐसे बयानों से नाराज बताए जा रहे हैं।

अगली सरकार में भाजपा भी होगी शामिल: शाह

एक तमिल दैनिक को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने न केवल यह दावा किया कि राज्य में भाजपा की भागीदारी के साथ एनडीए गठबंधन की सरकार बनेगी बल्कि उन्होंने गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में ईपीएस का नाम भी नहीं लिया। हालांकि उन्होंने कहा, राज्य में निश्चित रूप से एनडीए सरकार बनाएगी और भाजपा इसका हिस्सा होगी। हम अन्नाद्रमुक की अगुवाई में चुनाव लड़ेंगे और मुख्यमंत्री अन्नाद्रमुक से ही होगा।"

साल भर में बदल गए शाह के सुर?

केन्द्रीय गृहमंत्री का ये बयान उनके पिछले उस बयान से काफी अलग है, जब पिछले साल अप्रैल में अन्नाद्रमुक ने NDA में दोबारा एंट्री ली थी, तब ईपीएस की मौजूदगी में अमित शाह ने खुद कहा था कि एनडीए ईपीएस के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ेगा लेकिन अब उन्हंने कहा है कि एनडीए अन्नाद्रमुक के नेत-त्व में चुनाव लड़ेगा। उन्होंने न तो सीएम चेहकरे के रूप में और ना ही नेतृत्वकर्ता के रूप में ईपीएस का नाम लिया।

शाह के पास प्लान बी

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह इस बात का संकेत है कि भाजपा के पास ईपीएस पर सारा दारोमदार डालने के बजाय कोई ‘प्लान बी’ है और इसी वजह से अमित शाह ने ईपीएस का नाम नहीं लेकर स्सपेंस बढ़ाया है। इस बीच शाह ने इस बात से इनकार किया कि भाजपा पूर्व उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (OPS) और अन्नाद्रमुक से निकाले गए अन्य नेताओं को एकजुट करने की जिम्मेदारी उठा रही है। उन्होंने कहा, “मैं किसी को एकजुट नहीं कर रहा हूं। यह उनकी पार्टी से संबंधित है और उन्हें ही इस बारे में निर्णय लेना है। लेकिन मेरा मानना ​​है कि अन्नाद्रमुक और भाजपा से मिलकर बना एनडीए बहुत मजबूत है।”

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अभिनेता विजय पर रहस्यमयी मुस्कान

शाह ने अभिनेता विजय की तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के NDA में शामिल होने के सवाल का भी कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने रहस्यमयी मुस्कान के साथ कहा, “चुनाव के लिए अभी भी काफी समय है। सही समय पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।” इस बीच टीवीके ने भाजपा को अपना ‘वैचारिक’ दुश्मन और द्रमुक को अपना ‘राजनीतिक’ दुश्मन बताया है। हालांकि केंद्र सरकार ने अभिनेता को ‘वाई’ स्तर की सुरक्षा मुहैया कराई है जिससे दोनों पार्टियों के बीच समझौते की अटकलें लगाई जा रही हैं।

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