भाजपा ने पैसे बांटे थे, मेरे पास सबूत; पायलट वाली बगावत पर अशोक गहलोत का दावा
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि देशभर में सरकारें गिराने की ‘साज़िशी राजनीति’ में बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन राजस्थान एकमात्र राज्य रहा जहां यह साजिश कामयाब नहीं हो सकी।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि देशभर में सरकारें गिराने की ‘साज़िशी राजनीति’ में बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन राजस्थान एकमात्र राज्य रहा जहां यह साजिश कामयाब नहीं हो सकी। गहलोत का दावा है कि मोदी सरकार में गृह मंत्री अमित शाह, मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे नेताओं ने मिलकर राजस्थान सरकार को गिराने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस ने उसे विफल कर दिया।
गहलोत बोले – “ये षड्यंत्र इन्होंने किया था, पैसे बांटे गए थे, हमारे पास सबूत हैं। कांग्रेस में रिवोल्ट करवाया गया, लेकिन हमने हार नहीं मानी। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक में इन्होंने सरकारें गिरा दीं लेकिन राजस्थान को नहीं हिला सके।” उन्होंने दावा किया कि हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए जनादेश को लूटा गया और लोकतंत्र की जड़ें हिलाने का काम बीजेपी ने किया।
गहलोत ने ये बात तब कही जब देश में ‘संविधान दिवस’ जैसे कार्यक्रम मनाए जा रहे हैं। उन्होंने तीखा तंज कसते हुए कहा – “संविधान बचाओ का दिवस मना रहे हैं और खुद लोकतंत्र को कुचल रहे हैं। महाराष्ट्र में 25 से 50 करोड़ तक की बोली लगाई गई, कल्पना भी नहीं कर सकते कि कितना पैसा बहाया गया।”
इमरजेंसी पर भी बोले
इंदिरा गांधी की इमरजेंसी का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि “हां, उस वक्त गलती हुई, कांग्रेस ने माफी मांगी। जनता ने जवाब दिया, इंदिरा जी चुनाव हार गईं, मैं भी हारा। लेकिन दो साल में जनता ने फिर से भारी बहुमत से कांग्रेस को सत्ता में लाया, कुछ तो वजह रही होगी।" उन्होंने इमरजेंसी की तुलना वर्तमान ‘अघोषित इमरजेंसी’ से की और कहा कि आज पत्रकार, लेखक, विचारक जेलों में बंद हैं और आंकड़े छिपाए जा रहे हैं।
कुंभ मेले में मृतकों की संख्या को लेकर भी उन्होंने योगी सरकार को घेरा और बीबीसी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि “सरकार 35 मौतें बताती है, जबकि बीबीसी 85 मृतकों का आंकड़ा पेश करता है। ऐसी सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है?”
राज्य में प्रशासनिक अव्यवस्था पर चिंता
गहलोत ने वर्तमान राजस्थान सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि आम जनता बेहद दुखी है, अफसर बेलगाम हो गए हैं। “अब अधिकारियों में कोई डर नहीं रहा, MLA से भी कह देते हैं कि ट्रांसफर करवा दीजिए। पहले अफसर जानते थे कि शिकायत सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच सकती है, लेकिन अब जयपुर में किसी के दरवाज़े खुले नहीं हैं – न मुख्यमंत्री, न मंत्री।”
गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर सीधा हमला करते हुए कहा कि उन्हें अपने अधिकारों का उपयोग कर अफसरशाही को कंट्रोल करना चाहिए, वरना जनता की नाराजगी और बढ़ेगी।
राजनीतिक संकेत और बड़ा संदेश
गहलोत के इस बयान को आने वाले समय की कांग्रेस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जहां वे जनता के बीच 'लोकतंत्र बनाम तानाशाही' का नैरेटिव फिर से मजबूत करना चाहते हैं। बीजेपी पर लगातार 'संवैधानिक संस्थाओं को गिराने' और 'जनादेश की लूट' जैसे गंभीर आरोप लगाकर कांग्रेस सत्ता विरोधी माहौल को भुनाने की कोशिश कर रही है।
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