Hindi Newsमिडिल ईस्ट न्यूज़iran strike on israel with multi warhead Kheibarshekan missiles target 10 cities Iron Dome failed to intercept

ईरान की वो 'चालबाज' मिसाइलें, 20वीं लहर में इजरायल के 10 शहरों को दहलाया, आयरन डोम तक बेअसर

ईरान ने इजरायल पर अपने 20 वें हमले में सबसे खतरनाक 'खैबरशेकन’ मल्टी-वॉरहेड बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला बोला। यह हमला इतना खतरनाक था कि आयरन डोम तक इसे पूरी तरह से रोकने में विफल रहा।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानSun, 22 June 2025 06:54 PM
share Share
Follow Us on
ईरान की वो 'चालबाज' मिसाइलें, 20वीं लहर में इजरायल के 10 शहरों को दहलाया, आयरन डोम तक बेअसर

ईरान और इजरायल के बीच जारी सैन्य संघर्ष अब खतरनाक और निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। ईरान ने अपने 20वें जवाबी हमले में इज़रायल के 10 प्रमुख शहरों को एक साथ निशाना बनाते हुए ‘खैबरशेकन’ मल्टी-वॉरहेड बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन के समन्वित हमले को अंजाम दिया। ईरान की ये बैलिस्टिक मिसाइलें 'चालबाज' की तरह काम करती हैं। यही वजह है कि इज़रायल का अत्याधुनिक ‘आयरन डोम’ डिफेंस सिस्टम इन हमलों को पूर्ण रूप से रोकने में विफल रहा।

खैबरशेकन मिसाइलें कितनी ताकतवर?

‘खैबारशेकन’ का अर्थ है – ‘खैबर को तोड़ने वाला’ (खैबर एक ऐतिहासिक यहूदी किला था)। ईरान ने यह नाम देकर इस मिसाइल को प्रतीकात्मक तौर पर भी इज़रायल को चुनौती दी है। खैबरशेकन मिसाइल की ताकत की बात करें तो यह एक बेहद उन्नत और खतरनाक हथियार है, जिसकी मारक क्षमता 1,450 किलोमीटर तक है, यानी पूरा इज़रायल और कुछ यूरोपीय ठिकाने भी इसकी रेंज में आते हैं। इसकी सबसे खास बात इसका मल्टी-वॉरहेड सिस्टम है, जिसमें एक ही मिसाइल में 3 से 5 वारहेड लगाए जा सकते हैं, जो अलग-अलग शहरों या ठिकानों पर एक साथ हमला करने में सक्षम हैं।

यह मिसाइल ध्वनि की गति से तीन गुना तेज यानी सुपरसोनिक स्पीड से चलती है, जिससे दुश्मन के रडार इसे ट्रैक करने में विफल हो सकते हैं। इसमें सॉलिड फ्यूल तकनीक का इस्तेमाल होता है, जिससे इसे अचानक और कम समय में लॉन्च किया जा सकता है। इतना ही नहीं, खैबरशेकन टर्मिनल फेज़ में दिशा बदलने में सक्षम है, जिससे यह 'आयरन डोम' और 'डेविड स्लिंग' जैसे इज़राइली एयर डिफेंस सिस्टम को भी चकमा देने में कामयाब होती है।

इजरायल को कितना नुकसान

ईरान ने अपने 20वें मिसाइल हमले में इज़रायल के कई बेहद अहम रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें सबसे प्रमुख था बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, जिससे उड़ान संचालन बाधित हुआ। इसके अलावा, एक जैविक अनुसंधान केंद्र पर हमला हुआ, जो संभावित रूप से खुफिया वैज्ञानिक परियोजनाओं से जुड़ा बताया जा रहा है। सैन्य बैकअप कमांड हब्स को भी निशाना बनाया गया, जिससे इज़रायली सेना की संचार और रणनीतिक नियंत्रण क्षमताओं पर असर पड़ा।

इससे पहले, 18वें और 19वें मिसाइल हमलों में हाइफ़ा और तेल अवीव जैसे बड़े शहरों में स्थित AI अनुसंधान कार्यालय, साइबर कमांड सेंटर और सैन्य-औद्योगिक आधारभूत ढांचे को भी निशाना बनाकर नष्ट किया गया था। इन सटीक हमलों से स्पष्ट है कि ईरान भी युद्ध में इजरायल को कांटे की टक्कर दे रहा है।

ये भी पढ़ें:ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला मंजूर नहीं, अमेरिका की एयर स्ट्राइक पर भड़का रूस
ये भी पढ़ें:तीसरे विश्व युद्ध की आहट?अमेरिका ने दिया इजरायल का साथ, रूस से मदद मांग रहा ईरान

ईरान की चेतावनी

तेहरान टाइम्स के मुताबिक, ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने स्पष्ट कहा है कि "ईरान की असली सैन्य क्षमता अभी उपयोग में नहीं लाई गई है। आगे की प्रतिक्रियाएं इससे भी ज़्यादा निर्णायक और विनाशकारी होंगी।"

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें