तीसरे विश्व युद्ध की आहट? रूस से मदद मांग रहा ईरान, पुतिन के करीबी बोले- देंगे परमाणु हथियार
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची कल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। इससे पहले अराघची ने कहा है कि वह रूसी राष्ट्रपति के साथ 'गंभीर विचार-विमर्श' करेंगे।

Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच जारी जंग में अमेरिका के कूदने से इसके और भड़कने की संभावना बढ़ गई है। चीन ने पहले ही इसकी निंदा की है। इस सबके बीच इस युद्ध में अब रूस के आने की भी आशंका जताई जा रही है। इसके लिए ईरान के विदेश मंत्री आज मॉस्को की यात्रा पर जा रहे हैं। उन्होंने इससे पहले कहा कि रूस के साथ ईरान के काफी मजबूत रिश्ते हैं। वहीं, पुतिन के करीबी सहयोगी का कहना है कि कई देश ईरान को अपने परमाणु हथियार देने के लिए तैयार हैं।
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने दावा किया है कि ईरानी अमेरिकी हवाई हमलों के बाद अब कई देश ईरान को परमाणु हथियार देने के लिए तैयार हैं। एक्स पर कई पोस्ट में मेदवेदेव ने कहा कि इस्फहान, नतांज और फोर्दो में साइटों को निशाना बनाने वाला अमेरिकी अभियान न केवल अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में विफल रहा, बल्कि वास्तव में इसके विपरीत परिणाम भी सामने आए।
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची कल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। इससे पहले अराघची ने कहा है कि वह रूसी राष्ट्रपति के साथ 'गंभीर विचार-विमर्श' करेंगे। अरागची ने कहा, "रूस ईरान का मित्र है। हम हमेशा एक-दूसरे से परामर्श करते हैं। मैं आज दोपहर मॉस्को जा रहा हूं। कल सुबह रूसी राष्ट्रपति के साथ गंभीर विचार-विमर्श करूंगा।''
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने रविवार को यह भी कहा कि उनका देश अपने विभिन्न परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों के जवाब में आगे जो भी कार्रवाई करेगा उसके लिए वाशिंगटन पूरी तरह जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि उनके परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले के बाद कोई कूटनीतिक रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि हमारे विभिन्न परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों के जवाब में अगर हम कोई कार्रवाई करते हैं, तो उसके लिए वाशिंगटन पूरी तरह से जिम्मेदार है।
अरागची ने इस्तांबुल में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ऐसी कोई लक्ष्मण रेखा अब नहीं बची है जिसे अमेरिका ने पार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि कूटनीतिक रास्ते हमेशा खुला रहने चाहिए, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अरागची ने तुर्किये में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अमेरिका में युद्धोन्मादी, अराजक प्रशासन अपने आक्रामक कृत्य के खतरनाक परिणामों और दूरगामी प्रभावों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।’’
ईरानी विदेशमंत्री ने कहा कि अंतिम लक्ष्मण रेखा सबसे खतरनाक रेखा है जो कल पार की गई; अमेरिका ने परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके इस लक्ष्मण रेखा को लांघने का काम किया है। आपको बता दें कि अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किये गए हमले के बाद ईरान के विदेश मंत्री की यह पहली प्रतिक्रिया है।
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