ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला मंजूर नहीं, अमेरिका की एयर स्ट्राइक पर भड़का रूस
अमेरिकी सेना के ईरान में घुसकर तीन परमाणु ठिकानों पर किए हमलों को लेकर रूस की तीखी प्रतिक्रिया आई है। रूस ने कहा कि यह गैर जिम्मेदाराना कदम है और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन भी।

जब से अमेरिका ने ईरान के तीनों परमाणु ठिकानों फोर्दो, इस्फान और नतांज पर हमला बोला है, तब से दुनियाभर में हड़कंप मच गया है। ईरान और इजरायल में चल रहे भीषण युद्ध में अमेरिका की एंट्री ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। अमेरिकी सेना के ईरान के अंदर हमलों के बाद से दुनियाभर की प्रतिक्रिया आ रही है। रूस ने भी ईरान पर हुए हमलों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। रूस के विदेश मंत्रालय ने दो टूक शब्दों में अमेरिका के इस कदम की निंदा की है। उसने कहा कि यह गैर जिम्मेदाराना कदम है और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन भी।
दरअसल, दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दे दिए थे कि ईरान-इजरायल युद्ध में कुछ बड़ा होने वाला है। ट्रंप ने बयान में ईरान को दो हफ्तों की मोहलत दी थी, लेकिन दो दिन में ही अमेरिका ने इस मोहलत को खत्म किया और ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया। ईरान के परमाणु ठिकानों पर कितना नुकसान हुआ है, इसका सही आकलन होना बाकी है।
ईरान पर हुए हमले की रूस ने की निंदा
रूस ने एक बार फिर पश्चिम एशिया में संभावित युद्धात्मक कार्रवाइयों को लेकर कड़ा बयान दिया है। रूसी समाचार एजेंसी RIA Novosti के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताते हुए वैश्विक समुदाय से संयम बरतने की अपील की है। रूस ने बयान में कहा, “ईरान के खिलाफ किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डालती है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का भी उल्लंघन है। यह एक अत्यंत गैरजिम्मेदार कदम है।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब इज़रायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है और पश्चिम एशिया में युद्ध की आंशका बढ़ गई है। अमेरिका और उसके कुछ सहयोगी देश ईरान की गतिविधियों को लेकर सख्त रुख अपना रहे हैं, जबकि रूस ईरान का समर्थन करता आया है।
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