ठाकरे बंधुओं को मिला शरद पवार का साथ, विरोध-प्रदर्शन में होंगे शामिल; मामला क्या
संजय राउत ने कहा, ‘5 जुलाई को मनसे और शिवसेना (यूबीटी) का संयुक्त विरोध प्रदर्शन होगा। केवल समय पर निर्णय होना है क्योंकि राज ठाकरे ने सुबह 10 बजे प्रदर्शन करने का सुझाव दिया है और यह लोगों के लिए असुविधाजनक होगा।’

शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने ठाकरे बंधुओं की ओर से 5 जुलाई को बुलाए गए विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने की घोषणा की है। एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष जयंत पाटिल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने पार्टी के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से इस मार्च में बड़ी संख्या में भाग लेने की भी अपील की। पाटिल की ओर से शुक्रवार शाम को जारी बयान में कहा गया, 'एनईपी 2020 की त्रि-भाषी नीति के तहत हिंदी के थोपे जाने के विरोध में मुंबई में मराठी भाषी नागरिकों की विशाल रैली होगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार गुट) ने इस मार्च को अपना पूरा समर्थन दिया है।'
एससीपी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग हिंदी विरोधी नहीं हैं, लेकिन पहली कक्षा से चौथी तक के विद्यार्थियों पर यह भाषा थोपना उचित नहीं है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान पवार ने कहा कि देश की 55 प्रतिशत आबादी हिंदी बोलती है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पवार की यह टिप्पणी महाराष्ट्र में भाषा विवाद के बीच आई है, जो पिछले सप्ताह राज्य सरकार की ओर से संशोधित आदेश जारी करने के बाद शुरू हुआ था। इसमें कहा गया कि हिंदी को आम तौर पर कक्षा एक से पांच तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में छात्रों को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा। पवार ने कहा, 'पहली कक्षा से लेकर चौथी कक्षा के विद्यार्थियों पर हिंदी थोपना सही नहीं है। इस उम्र में मातृभाषा ज्यादा महत्वपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि 5वीं कक्षा के बाद ऐसा किया जाता है तो यह उनके हित में होगा, क्योंकि भारत में 55 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं।
राज ठाकरे ने भी समर्थन देने का किया ऐलान
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे भले ही राजनीतिक रूप से अलग हों, लेकिन उन्होंने मराठी भाषा के मुद्दे पर एक साथ आने का फैसला लिया है। उनकी पार्टियां हिंदी भाषा थोपे जाने और पहली कक्षा से 5वीं कक्षा के लिए सरकार के त्रि-भाषा फॉर्मूले के खिलाफ मिलकर प्रदर्शन करेंगी। 5 जुलाई को होने वाला विरोध प्रदर्शन शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे को एक मंच पर लाएगा।
दोनों नेताओं ने गुरुवार को एक ही समय पर अलग-अलग संवाददाता सम्मेलनों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे हिंदी और त्रि-भाषा फॉर्मूले को थोपे जाने का पुरजोर विरोध करेंगे। उद्धव ने 7 जुलाई को आजाद मैदान में कुछ संगठनों की ओर से आयोजित प्रदर्शन में शामिल होने की घोषणा की थी, जबकि उनके चचेरे भाई राज ने कहा था कि वह 6 जुलाई को गिरगांव चौपाटी से एक गैर-राजनीतिक मार्च निकालेंगे और इसमें शिवसेना (UBT) सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित करेंगे। ऐसे में पांच जुलाई को मनसे और शिवसेना (उबाठा) का संयुक्त विरोध प्रदर्शन होगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)