भगवान की कथा किसी जाति विशेष की नहीं; इटावा कथावाचक कांड पर और क्या बोले बाबा बागेश्वर?
उन्होंने जाति को राष्ट्रवाद से जोड़ते हुए कहा कि अगर ऐसा रहा तो भारत कभी भी हिन्दू राष्ट्र नहीं बन सकता है। धीरेंद्र शास्त्री ने हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए कास्टवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की ओर चलने की भी बात कही।

उत्तर प्रदेश के इटावा में हुए कथावाचक कांड का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस बीच बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बयान सामने आया है। उन्होंने वीडियो जारी करके कहा, जात-पात की करो विदाई हम सब हिंदू भाई भाई। उन्होंने जाति को राष्ट्रवाद से जोड़ते हुए कहा कि अगर ऐसा रहा तो भारत कभी भी हिन्दू राष्ट्र नहीं बन सकता है। धीरेंद्र शास्त्री ने हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए कास्टवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की ओर चलने की भी बात कही।
वेदव्यास, महर्षि वाल्मीकि, सूरदास, रैदास, कबीरदास, मीरा सबने भगवान की चर्चा करी। इनकी न जाति पूछी गई और न ही पता। इनकी वाणी ही इनकी पहचान बन गई। भगवान का नाम ही उसकी पहचान है। कौआ कर्कश बोलता है, लेकिन रामचरित मानष में काकभुशुण्डि जी महाराज की महिमा है। इसलिए जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान। मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान।
बाबा बागेश्वर ने कहा कि भगवान की कथा, सत्संग, भगवत चर्चा, सनातन का प्रचार किसी जाति विशेष का नहीं है। भगवत चर्चा कहने का अधिकार सबको है। भगवान की कथा सब कह सकते हैं। कोई इसमें हस्तक्षेप नहीं है। इसलिए हमारी प्रार्थना है कि अगर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना है तो क्या भारत ऐसे हिन्दू राष्ट्र बनेगा, नहीं हो सकता। भगवान के नाम का कीर्तन-गायन कोई भी कर सकता है।
जो भी घटना इटावा की हुई है, वह निंदनीय है। अगर उसने कुछ अपराध किया ही है तो हमको कानून व्यवस्था और न्याय पालिका की शरण लेनी चाहिए, न कि खुद न्याय पालिका बनना चाहिए। ताकि विद्रोह उतपन्न न हो। जातिवाद न बढ़े और जो नेता इस समय राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं, उनको मुंह तोड़ जवाब मिल सके। कास्टवाद के नाम पर लोग राजनीतिक रोटियां न सेंके। अंत में बाबा ने कहा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए कास्टवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की ओर चलना होगा।
दरअसल इटावा के पास दांदरपुर गांव में 21 जून को भागवताचार्य मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव के साथ लोगों द्वारा सिर मुड़वाने, मारपीट करने और नाक रगड़वाने का मामला सामने आया था। मुख्य यजमान की तरफ से जाति छिपाकर कथा कहने और दो-दो आधार कार्ड रखने की बात काफी तूल पकड़ी और मामला बढ़ता ही चला गया। इस मामले की जांच झांसी पुलिस की निगरानी में होने की भी बात कही गई है।