झारखंड में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा रोकने से हंगामा; अड़े रहे ग्रामीण, लौटानी पड़ी यात्रा
मामला झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के सुंदरनगर और जादूगोड़ा थाना क्षेत्र से सामने आया है। यहां शुक्रवार देर शाम महाप्रभु जगन्नाथ का रथ रोके जाने पर हंगामा खड़ा हो गया। लोगों के समझाने पर भी बात नहीं बनी और यात्रा को वहीं से लौटा दिया गया।

देशभर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा धूमधाम से निकाली गई। मगर इस बीच कहीं-कहीं हादसों और झड़पों की भी खबर सामने आई है। ऐसा ही एक मामला झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के सुंदरनगर और जादूगोड़ा थाना क्षेत्र से सामने आया है। यहां शुक्रवार देर शाम महाप्रभु जगन्नाथ का रथ रोके जाने पर हंगामा खड़ा हो गया। लोगों के समझाने पर भी बात नहीं बनी और यात्रा को वहीं से लौटा दिया गया।
दरअसल कदमा रथयात्रा कमेटी का रथ जैसे ही सुंदरनगर-नरवा पहाड़ मुख्य मार्ग के बस स्टैंड के पास पहुंचा कि हाड़थोपा के लोगों ने अपने मौजा में प्रवेश से रोक दिया। ग्रामीणों का कहना था कि बगैर ग्रामसभा की अनुमति लिए रथयात्रा उनके क्षेत्र में लाई गई, जिस कारण रथ को रोकने पर मजबूर हुए। हालांकि, देर रात दोनों पक्ष के बीच समझौता हो गया और रथयात्रा वहीं से लौट गयी।
रथ रोके जाने के बाद उत्पन्न तनाव जानकारी मिलते ही सुंदरनगर थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया, पर असफल रहे। वहीं, स्थिति बिगड़ते देख मुसाबनी डीएसपी संदीप भगत, पोटका सीओ निकिता बाला, पोटका, सुंदरनगर और जादूगोड़ा पुलिस भी मौके पर पहुंची।
पुलिस पदाधिकारियों ने मोर्चा संभाल लिया। आखिरकार देर रात दोनों पक्ष मान गये विवाद शांत हो गया। रथयात्रा निकालने वाले दास समाज की ओर से समिति के सदस्य अशोक दास ने बताया कि उन्होंने पहले से धालभूम एसडीओ, जादूगोड़ा और सुंदरनगर थाना को सूचना दी थी।
पहले ग्रामसभा का आयोजन किया गया था, लेकिन रथ कमेटी का कोई सदस्य उसमें शामिल नहीं हुआ। इससे गांव के लोगों ने अपमानित महसूस हुआ। उनका कहना है कि ग्रामसभा की अनुमति के बिना कोई आयोजन स्वीकार्य नहीं है। स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने का प्रयास किया जा रहा था। दोनों पक्ष अभी भी अपने-अपने रुख पर अड़े हुए थे। बाद में उनमें आपसी समझौता हो गया। रथयात्रा तय रूट चार्ट के अनुसार निकाली जा रही थी। बावजूद इसके इस तरह से रोका जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।