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ट्रंप अब नोबल पुरस्कार भूल ही जाना... ईरान पर US एयर स्ट्राइक से भड़के पुतिन के करीबी नेता

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी बॉम्बर्स ने बड़ा हमला किया है। ट्रंप ने इस मिशन को अद्भुत सफलता बताया। पुतिन के करीबी नेता ने ट्रंप की इस हरकत पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कहा- ट्रंप अब नोबल पुरस्कार भूल जाना ही आपके लिए बेहतर।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानSun, 22 June 2025 07:08 PM
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ट्रंप अब नोबल पुरस्कार भूल ही जाना... ईरान पर US एयर स्ट्राइक से भड़के पुतिन के करीबी नेता

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए रातभर के हवाई हमलों ने न केवल पश्चिम एशिया में तनाव की आग को और भड़काया है, बल्कि रूस से भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी और सुरक्षा परिषद के डिप्टी चेयरमैन दिमित्री मेदवेदेव ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए डोनाल्ड ट्रंप को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप अब नोबेल शांति पुरस्कार को भूल ही जाएं तो बेहतर होगा।

चेरनोबिल दोहराने जैसा खतरा

मेदवेदेव ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर डोनाल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना की। उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला बेहद गंभीर जोखिम वाला कदम है, जो दुनिया को एक और चेरनोबिल त्रासदी की ओर धकेल सकता है। उनके अनुसार, "यह समझना जरूरी है कि न्यूक्लियर फैसिलिटीज़ पर हमले कितने खतरनाक हो सकते हैं। इससे रेडियोधर्मी रिसाव का खतरा है, जो पूरी मानवता के लिए घातक साबित हो सकता है।"

चेरनोबिल त्रासदी क्या थी

चेरनोबिल त्रासदी मानव इतिहास की सबसे भीषण परमाणु दुर्घटनाओं में से एक थी, जो 26 अप्रैल 1986 को सोवियत संघ (अब यूक्रेन) के चेरनोबिल शहर के पास स्थित RBMK रिएक्टर नंबर 4 में हुई थी। इसमें विस्फोट के बाद, ग्रेफाइट और यूरेनियम से भरा रिएक्टर लगभग 10 दिनों तक जलता रहा। इस दुर्घटना से निकलने वाला रेडियोधर्मी उत्सर्जन हिरोशिमा पर गिरे एटम बम से 400 गुना ज्यादा था।

परमाणु कार्यक्रम नहीं रुकेगा

मेदवेदेव ने दावा किया कि अमेरिकी हमलों के बावजूद ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह सुरक्षित है। "क्रिटिकल न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर या तो सुरक्षित रहा या उसे मामूली नुकसान पहुंचा।" उन्होंने पहली बार स्पष्ट शब्दों में कहा कि "अब यह कहना भी छिपाना नहीं होगा कि ईरान में भविष्य में परमाणु हथियारों का निर्माण होगा – और वह जारी रहेगा।"

कई देश ईरान को न्यूक्लियर वॉरहेड देने को तैयार

इस बयान ने वैश्विक राजनीति को चौंका दिया। मेदवेदेव ने संकेत दिया कि कुछ देश सीधे तौर पर ईरान को अपने परमाणु हथियार देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, “ईरान को अकेला समझना भूल होगी — वो अब सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक फ्रंट है।”

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इजरायल में धमाके, दहशत में लोग

उन्होंने इशारा किया कि इज़रायल पर ईरान के जवाबी हमले में देशभर में धमाके हो रहे हैं, हालात बेकाबू हैं और लोग पैनिक मोड में हैं। बता दें कि ईरान ने इजरायल पर 20 वें जवाबी हमले में 10 प्रमुख शहरों को निशाना बनाया। हमले इतने भयावह और सटीक थे कि इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम तक इसे पूरी तरह से रोकने में विफल रहा।

ट्रंप की 'शांति की छवि' टूटी!

मेदवेदेव ने तीखा तंज कसते हुए कहा, "डोनाल्ड ट्रंप जो खुद को ‘शांति का राष्ट्रपति’ कहने का दावा करते हैं, अब अमेरिका को एक और युद्ध में घसीट चुके हैं।" उन्होंने कहा कि अमेरिका अब एक नए संघर्ष में उलझ गया है और ज़मीनी कार्रवाई के संकेत भी दिखने लगे हैं।

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